जिस नूंह में हुई थी हिंदू-मुस्लिम हिंसा वहां तीसरे स्थान पर रही BJP

हरियाणा में लगातार तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी ने जीत का परचम लहरा दिया है। यह पहली बार है जब कोई पार्टी लगातार तीसरी बार सरकार बनाएगी। भाजपा ने गुरुग्राम-फरीदाबाद समेत दक्षिण हरियाणा की अधिकत सीटों पर कब्जा किया। हालांकि, नूंह जिले में एक बार फिर कमल खिलाने का उसका सपना अधूरा रह गया। नूंह जिले की सभी तीन सीटों पर कांग्रेस के हाथ बाजी लगी है। नूंह विधानसभा सीट पर तो भाजपा को तीसरा स्थान मिला। पिछले साल जुलाई में सांप्रदायिक हिंसा की वजह से नूंह पूरे देश में चर्चा में रहा था।
नूंह सीट से कांग्रेस के आफताब अहमद ने 46871 वोट के बड़े अंतर से जीत हासिल की। उन्हें 91697 वोट मिले। दूसरे स्थान पर इंडियन नेशनल लोकदल के ताहिर हुसैन रहे, जिन्हें कुल 44826 वोट मिले। भारतीय जनता पार्टी ने मुस्लिम बहुल नूंह में हिंदू उम्मीदवार संजय सिंह को मौका दिया था। हालांकि, संजय के लिए परिणाम अच्छे नहीं रहे। वह महज 15810 वोट ही हासिल कर पाए। आम आदमी पार्टी की राबिया किदवई को महज 212 वोट हासिल हुए हैं।
आर्थिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े नूंह सीट पर सबसे अधिक मुस्लिम वोटर्स हैं। इस सीट पर भाजपा कभी जीत हासिल नहीं कर पाई है। इस बार भाजपा ने संजय सिंह पर दांव लगाया था और पार्टी को उम्मीद थी कि ध्रुवीकरण वाली इस सीट पर उसके लिए इस बार परिणाम कुछ बेहतर रह सकते हैं। हालांकि, परिणाम कांग्रेस के पक्ष में गए।
नूंह जिले में पिछले साल ब्रजमंडल शोभायात्रा के दौरान सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। कई दिनों तक यह क्षेत्र तनावग्रस्त रहा था। नूंह से फरीदाबाद तक हिंसा की आग फैल गई थी। नूंह हिंसा के आरोपी बनाए गए मामन खान ने भी जिले की फिरोजपुर झिरका सीट पर बड़ी चुनावी सफलता हासिल की है।