भोपालमध्य प्रदेश

भोपाल में 8,000 पेड़ों की कटाई पर हाई कोर्ट की तत्काल रोक, रेलवे प्रोजेक्ट को तगड़ा झटका

भोपाल में 8,000 पेड़ों की कटाई पर हाई कोर्ट की तत्काल रोक, रेलवे प्रोजेक्ट को तगड़ा झटका

बिना नीति ट्रांसप्लांटेशन पर्यावरण के लिए गंभीर संकट’, कोर्ट ने मांगी साइट की फोटो-वीडियो

भोपाल, यशभारत: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने भोपाल में एक बड़े रेलवे प्रोजेक्ट के लिए 8,000 से अधिक पेड़ों की प्रस्तावित कटाई और शिफ्टिंग पर तत्काल रोक लगा दी है। चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने पेड़ों की अंधाधुंध कटाई को लेकर सख्त टिप्पणी करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अगली सुनवाई तक प्रस्तावित स्थल की मौजूदा स्थिति की तस्वीरें और वीडियो कोर्ट में पेश किए जाएं।
न्यायालय की सख्त टिप्पणी
कोर्ट ने हस्तक्षेपकर्ता द्वारा पेश की गई मीडिया रिपोर्ट्स के बाद इस मामले में स्वतः संज्ञान लिया। पीठ ने कहा कि बिना किसी स्पष्ट और ठोस नीति के केवल ‘ट्रांसप्लांटेशन’ के नाम पर बड़े पैमाने पर पेड़ों को काटा जा रहा है, जो राज्य के पर्यावरण के लिए एक गंभीर संकट पैदा कर रहा है।
कोर्ट का रुख: “जब तक ठोस नीति और पारदर्शी प्रक्रिया नहीं अपनाई जाती, तब तक पेड़ों की कटाई या ट्रांसप्लांटेशन की कोई भी कार्रवाई नहीं की जाएगी।”
रेलवे प्रोजेक्ट को झटका
यह अंतरिम रोक भोपाल में रेलवे के एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को तगड़ा झटका माना जा रहा है। कोर्ट को बताया गया था कि प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन के लिए राजधानी में 8,000 से अधिक पेड़ों को हटाने की तैयारी थी। हाई कोर्ट के इस आदेश ने फिलहाल इन सभी गतिविधियों पर विराम लगा दिया है।
26 नवंबर को अगली सुनवाई
न्यायालय ने संबंधित विभागों और अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे प्रस्तावित स्थल के वास्तविक हालात का आकलन करने के लिए फोटो और वीडियो सबूत के साथ कोर्ट के सामने आएं। मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर को निर्धारित की गई है, जिस दिन कोर्ट इस संवेदनशील पर्यावरणीय मुद्दे पर अपनी अंतिम दिशा-निर्देश जारी कर सकता है।
गौरतलब है कि हाई कोर्ट इससे पहले भी भोपाल में 488 पेड़ों की कटाई के एक अन्य मामले में स्वतः संज्ञान ले चुका है और पर्यावरण संरक्षण के मुद्दों पर लगातार सख्त रुख अपनाए हुए है।

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