बालसागर जमीन लूट मामला: भोपाल में सेटिंग करने जुटे नेता-अफसर
चुनाव तक कार्रवाई टालने को लेकर भोपाल तक लगाई जा रही दौड़
जबलपुर, यशभारत। नगरीय निकाय भोपाल द्वारा एक आदेश जारी कर बाल सागर जमीन में जमे अतिक्रमण को अलग करने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। जिले के जिम्मेदार अधिकारी से लेकर बिल्डर और नेता डरे हुए है। किसी भी तरह से मामला शांत हो जाए इसको लेकर नेताओं और अधिकारियों की भोपाल दौड़ लग रही है। कहा जा रहा है कि विधानसभा चुनाव तक बालसागर अतिक्रमण कार्रवाई पर रोक लगवाने के लिए जतन हो रहे हैं। पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने इस मामले में सीधे मुख्यमंत्री से बात करने की योजना बनाई है। इधर नगरीय निकाय विभाग पूरे मामले में किसी भी तरह का समझौता नहीं करना चाहता है। हालांकि इसको लेकर विभाग प्रमुखों पर सब तरफ से दवाब बनाया जा रहा है।
आंख मूंदकर बटांक और नामांतरण किए गए
बताया जा रहा है कि राजस्व अमले को बखूबी पता था कि बालसागर में जिस क्षेत्र में प्लाटिंग की जा रही है वह तालाब मद की जमीन है लेकिन बावजूद इसके कमाई के चक्कर में राजस्व अमले ने आंख मूंद कर बटांक और नामांतरण कर दिये। जबकि सुपी्रम कोर्ट और एनजीटी की गाइडलाइन के अनुसार तालाब, नदी, पहाड़, ग्रीन बेल्ट के मद की जमीनों का मद परिवर्तन नहीं किया जा सकता हैं। इसके बावजूद भी भूमाफियाओं ने तालाब की जमीन राजस्व अमले की मिलीभगत से लोगों को बेच दी और इतना ही नहीं कालोनी में तालाब मद की जमीन पर दिलेरी से सड़क भी बनाई जा रही है।
अतिक्रमण टूटना तय लेकिन मकान बनाने वालों की क्या गलती
बालसागर जमीन को लूटने का गोरखधंधा करने वाले बिल्डर-नेता आराम की नींद फरमा रहे हैं लेकिन धोखाधड़ी का शिकार हुए लोगों का क्या?। लोगों ने बैंकों से लाखों रूपए लोन लेकर मकान तैयार करवाए है, कुछ ऐसे भी है जिन्होंने पूरी जिंदगी की पंूजी प्लाट और मकान में लगा दी। जिन्होंने इनके साथ धोखा किया है उन पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई लेकिन लोगों को जरूर मकान तोडऩे के नोटिस दिए गए हैं।
अधिकारी मुंह खोलने तैयार नहीं
बाल सागर जमीन को लूट कर लोगों के साथ धोखाधड़ी की गई। लेकिन इस मामले में स्थानीय प्रशासन के अधिकारी मुुंह खोलने तैयार नहीं है। क्षेत्रीय एसडीएम दिव्या अवस्थी से इस संबंध में संपर्क कर जानकारी ली गई तो उन्होंने कार्रवाई को लेकर कोई दिन या समय निश्चित नहीं बताया। अतिक्रमण कार्रवाई होगी पर कब यह किसी को नहीं पता।