थानों में चल रहा आर्म्स एक्ट का खेल, नंबर कमाने में जुट थानेदार

जबलपुर, यशभारत। शहर मेें लूट-चाकूबाजी की वारदातें बढ़ गई है। चाकूबाज शहर की सड$कों पर हर दिन लहू बहा रहे हैं। बेखौफ चाकूबाजों पर शिकंजा कसने की बजाये पुलिस फरियादियों को या तो एक थाने से दूसरे थाने भटका रही हैं या उनकी शिकायतों पर मामूली धाराएं लगाकर कायमी दर्ज कर रही हैं। जबकि वरिष्ठ अधिकारियों के मातहत को सख्त निर्देश है कि पीडि़तों की शिकायत पर तुरंत कायमी करते हुए आवश्यक कार्यवाही की जाएं लेकिन मातहत अधिकारियों की नहीं सुन रहें हैं। खबर है कि अपराधियों पर सख्त कार्यवाही की बजाय मामूली धाराओं के तहत अपराध दर्ज करते हुए उन्हें छूट दी जा रही है। क्या थानों में यह खेल कप्तान के सामने अपने नंबर बढ़ाने के लिए खेला जा रहा है। वैसे एसपी के संज्ञान में थानेदारों की यह कारिस्तानी है नहीं, अन्यथा वे इस पर तुरंत रोक लगाते और सबकुछ कानून के हिसाब से करने के निर्देश जारी करते।
्रतीन मामले में गिर चुकी है गाज
विदित हो कि चाकूबाजी-लूट के मामलों में मामूली धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करने के तीन मामले भी बीते कुछ दिनों के भीतर उजागर हो चुके है जिस पर कप्तान संपत उपाध्याय ने बिना देर किए एक्शन लिया। संबंधित को या तो सस्पेंड किया या फिर लाइन हाजिर कर दिया। विभागीय जांच के आदेश भी दिए इसके बावजूद भी थानों में मामूली धाराएं लगाने का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा हैं।
छुटभैया भी दिखा रहे बदमाशामी
चाकू ऑनलाइन मंगवायें जा रहे है। इसके अलावा राजस्थान से भी शहर में चाकू की खेप आ रही है। पूर्व में इसका खुलासा भी चुका है हनुमानताल पुलिस ने हथियारों के सौदागरों को धरदबोचा था जिसमें यह बात सामने आई थी वह चाकू राजस्थान से लाने के बाद महंगे दामों पर बेच देते थे। आसानी से चाकू मुहैया होने से छुटभैया में खुद को बड़ा बदमाश समझ बैठें और वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।
अपराधियों से यारी भी
देशभक्ति और जनसेवा का दम भरने वाली पुलिस की अपराधियों से यारी भी किसी से छिपी नहीं है। ऐसे अनेक मामले प्रकाश में आ चुके है जिसमें पुलिस और अपराधी की यारी उजागर हुई। अभी हाल ही मेेंं एक मामला रांझी थाने का प्रकाश मेें आया था। जिसमेें पनागर थाने में पदस्थ आरक्षक यारी में निपटा। रांझी पुलिस ने जहां उसे फर्जीवाड़े में गिरफ्तार कर जेल भेजा तो वहीं पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय ने उसे तत्काल प्रभाव से सस्पेंड किया था। मामला रांझी एसएएफ छठी बटालियन में चल रही मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन आयोग की आरक्षक भर्ती प्रक्रिया से जुड़ा था जहां फर्जी होमगार्ड सैनिक गुलजार खान को पकड़ा गया था। जिसका फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र मामले में पनागर थाने में पदस्थ आरक्षक सचिन तिवारी ने बनाकर दिया था।
यह मामले हो चुके उजागर
पनागर थाना अंतर्गत ग्राम पठरा उमरिया में हुई चाकूबाजी में पठरा उमरिया निवासी संतोष दुबे की मौत हो गई थी। पांच नवम्बर को परिजनों ने शव रखकर प्रदर्शन किया था। पुलिस ने डॉक्टर की रिपोर्ट पर मामूली धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया था। मामले में पनागर थाने के दो एएसआई मयंक यादव, संतोष ठाकुर को लाइन हाजिर किया गया था जबकि डॉक्टर रजी नफीस को हटाकर बेरला अस्पताल भेजा गया था।
अंधुआ नहर पुलिया के पास 21 नवंबर को अमर सिंह निवासी भेड़ाघाट को बदमाशों ने रोककर चाकू मारे, बाइक लूटी और भाग गए। पुलिस सीमा विवाद में उलझी। भेड़ाघाट पुलिस ने संजीवनी नगर थाने भेजा। जहां मामूली धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। जिस पर एसपी ने संजीवनी नगर थाना प्रभारी अंजलि उदैनिया को लाइन अटैच कर दिया था।
ओमती थाने में पदस्थ एसआई ने भी धाराएँ बदलकर मामूली धाराओं के तहत कायमी की थी। ओमती थाना क्षेत्र में 25 अक्टूबर को एक युवक पर चाकू से वार किए गये। एसआई ओमकार सिंह ने हत्या के प्रयास के मामले में मामूली धाराएं लगाई। एसपी ने एसआई को निलंबित का आदेश जारी किया था।
अफसरों के मातहत को यह है निर्देश
..थानों मेें शिकायतें लंबित न रहें।
..शिकायतों पर तत्काल कार्यवाही, लापरवाही नहीं।
..पीडि़तों, महिलाओं, बच्चों, वृद्धोंंं समाज के कमजोर वर्गों के प्रति संवेदनशील रहें।
..कार्यवाही निष्पक्ष हो, गुंडों में खाकी का खौफ हो।
..छोटी सी घटना पर जानकारी लगते ही तुरंत पहुंचे।
हमारे द्वारा दो से ज्यादा अपराधों में बांड ओवर की कार्रवाई की जा रही है उसके बाद भी कुछ थानों जैसे आधारताल, रांझी, गोहलपुर थाना क्षेत्र में देखा गया है कि उन अपराधियों ने बांड ओवर तोड़कर वही अपराध किया है जिसको लेकर 121 की कार्यवाही की जा रही है और जमानत निरस्तीकरण को भी लेकर कड़ी कार्रवाई की जा रही है
संपत उपाध्याय एसपी जबलपुर