जबलपुरमध्य प्रदेश

कमलनाथ को चुनौती दे गए अमित शाह

दोबारा जबलपुर संभाग की बैठक में शामिल होना चौका देने वाला

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जबलपुर , यश भारत। कमलनाथ का राजनीतिक कद बढ़ाने में हमेशा से जबलपुर का हाथ रहा है। जबलपुर से मिला जन समर्थन उन्हें हमेशा दिल्ली में मजबूत करता रहा है। कमलनाथ जबलपुर के सहारे महाकौशल मैं कांग्रेस की राजनीति के धुरी बन गए। 1980 के दशक से ही कमलनाथ की जबलपुर में दखल देखी जा रही है। उनकी पकड़ को इस बात से समझा जा सकता था कि उन्होंने छिंदवाड़ा के रहने वाले हाजी इनायत को जबलपुर की मध्य विधानसभा से टिकट दिला कर चुनाव लड़ा दिया था। इसके बाद हाजी इनायत चुनाव जीते और कमलनाथ ने उन्हें प्रदेश सरकार में मंत्री का पद दिलवाया।

जबलपुर से अपनी जड़ों को मजबूत करके दिल्ली की राजनीति में पैर जमाने वाले कमलनाथ अब प्रदेश की कमान संभाल रहे हैं। उन्हें सबसे ज्यादा उम्मीद है महाकौशल से है और महाकौशल की राजनीति की दशा और दिशा जबलपुर से तय होती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कमलनाथ जबलपुर जिले की आठ विधानसभा सीटों पर कितना ध्यान केंद्र कर पाते हैं। क्योंकि शनिवार को जिस तरीके से केंद्रीय गृहमंत्री सिर्फ एक संभागीय बैठक के लिए दो बार भाजपा कार्यालय पहुंचे और कार्यकर्ताओं की बैठक ली वह कमलनाथ के किले में उन्हें सीधी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। पहले तो शाह जबलपुर पहुंचे तो उन्होंने कार्यकर्ताओं के मन को टोला उसके बाद वह सीधे छिंदवाड़ा गए और वहां जनता के बीच संवाद स्थापित किया और लौटकर जब जबलपुर आए तो पदाधिकारी की जमकर क्लास लगा गए । साथ ही महाकौशल में भाजपा की जीत का रास्ता भी बात कर गए। ऐसे में महाकौशल में स्थापित कमलनाथ के लिए यह अमित शाह की सीधी चुनौती मानी जा रही है।

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