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पं. मिश्रा की बात सुन नाले में रख आया प्रतिमा:इंदौर में शिव परिवार उखाड़ने वाले की कहानी

प्रवासी भारतीय सम्मेलन से 3 दिन पहले इंदौर में मूर्तियों को उखाड़ने की घटना का खुलासा हो गया है। जब सिरफिरा पकड़ाया तो पुलिस उसकी कहानी सुनकर हैरान रह गई। वह पं. प्रदीप मिश्रा की कथा सुनता है। उन्हीं के वचनों से प्रेरित होकर यह कांड कर दिया।

इंदौर में गुरुवार सुबह तीन थानों की पुलिस की नींद उड़ गई, जब सुना कि छत्रीपुरा, चंदन नगर सहित तीन क्षेत्र के मंदिरों से मूर्तियों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। पुलिस जब सर्चिंग पर निकली तो उसे सीसीटीवी मिले। मुंह पर कपड़ा था तो तलाश में देर लगी, लेकिन सुराग मिल गया।

पुलिस जब उसके घर पहुंची तो घरवाले नानुकुर करने लगे। पता चला कि उसे छिपा रखा है। अंदर देखा तो आरोपी सोया था। उसका नाम पूछा तो बताया कि वो शुभम भारत कैथवास है। पुलिस ने उसे उठाया और पूछताछ के लिए थाने ले आई। पुलिस ने कहा कि नशे की हालत में उसने यह कदम उठाया है। उसने पुलिस को बताया कि वो कथा वाचक पं. प्रदीप मिश्रा से प्रेरित था। उसने बताया कि वह मूर्तियों को ठंडा करने के लिए मंदिर से उखाड़ा और पंचकुईया के नाले में डाल आया।

एडिशनल डीसीपी प्रंशात चौबे के मुताबिक आरोपी शुभम कैथवास आदर्श नगर का रहने वाला है। उसने छत्रीपुरा, चंदन नगर सहित तीन मंदिरों की मूर्तियों के साथ तोड़फोड़ की थी। अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किया गया है।

तीन थानों की पुलिस हुई परेशान

आदर्श नगर में सुबह दर्शन करने लोग जब मंदिर में पहुंचे तो वहां शिवलिंग नहीं थी। वे काफी नाराज हुए। इसके बाद नजदीक की गुजराती कॉलोनी और पंचमूर्ति नगर के मंदिरों में तोड़फोड़ की बात सामने आई। पुलिस अधिकारियों के इस मामले में कान खड़े हो गए। छत्रीपुरा, मल्हारगंज के साथ चंदन नगर थाने की पुलिस यहां पहुंची। वहीं एसीपी बीपीएस परिहार, एसकेएस तोमर भी तत्काल मौके पर पहुंचे। मामले की जानकारी जब हिंदूवादी नेता तन्नू शर्मा को लगी तो बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने काफी हंगामा करते हुए नारेबाजी कर दी।

सीसीटीवी के बाद सिपाही हुए सतर्क

पुलिस के आला अफसरों ने पूरे घटनाक्रम के बाद पुलिस की टीमें बनाकर सिपाहियों को काम पर लगा दिया। इस दौरान कुछ ही देर में पुलिस ने एक सीसीटीवी फुटेज निकाला। जिसमें एक युवक मंदिर के पास घूमता और तोड़फोड़ करता नजर आया। शुरुआत में उसकी पहचान नहीं हो पाई।

इसी बीच छत्रीपुरा थाने के हेड कॉन्स्टेबल सुभाष पाराशर और मनोहर चौहान को जानकारी मिली कि उक्त युवक शुभम हो सकता है जो नशे का आदी भी है। वह इलाके में घूमता रहता है। दोनों सिपाही उसके घर पहुंचे। यहां परिवार ने घर पर नहीं होने की बात कही, लेकिन शुभम अंदर ही मिला। उसने वही कपड़े पहने थे जो सीसीटीवी में संदिग्ध के दिखाई दे रहे थे। उसे पकड़कर थाने ले जाया गया। यहां पूछताछ में उसने तोड़फोड़ की बात कबूल कर ली।

कथावाचक प्रदीप मिश्रा से प्रेरित था शुभम

शुभम ने पूछताछ में बताया कि वह पं. प्रदीप मिश्रा की काफी कथा सुनता है। पं. मिश्रा ने कथा में कहा था कि शिवलिंग को नदी में स्नान कराने के बाद विसर्जित कर देना चाहिए, जिससे मन्नत पूरी होती है। उसने देखा कि इलाके के मंदिर में शिवलिंग है, जहां लोग ठीक से उनका पूजन नहीं करते। इसके बाद रात करीब डेढ़ बजे उसने शिवलिंग को उखाड़ा। फिर गणेश और पार्वती की मूर्तियों को निकाल लिया। शुभम ने तीनों मूर्तियों को इलाके के पंचकुईया स्थित नाले में ले जाकर रख दी। और अलसुबह अपने घर पर आकर सो गया।

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