कबाड़ में तब्दील हो रहीब्लड कलेक्शन एण्ड ट्रांसपोर्टेशन वैन
जबलपुर, यशभारत। सरकारी अस्पतालों में ब्लड की जरा भी कमी न हो, मरीज के परिजनों को बल्ड लेने के लिए इधर-उधर भटकना न पड़े इसको ध्यान में रखते हुए नेशनल हेल्थ मिशन ने शहर को 2 ब्लड कलेक्शन एण्ड ट्रांसपोर्टेशन वैन उपलब्ध कराए हैं। पहली वैन जिला चिकित्सालय विक्टोरिया और दूसरी नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज को सौंपी गई। लेकिन यह केवल दिखावे के लिए ही रह गई हैं। यह वैन धूल खा रही हैं, बल्ड का कलेक्शन नहीं किया जा रहा।
वैन के माध्यम से जिलेभर में घूम-घूमकर ब्लड कलेक्शन करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन जिन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई थी, उनकी लापरवाही से वैन एक जगह खड़ी धूल खा रही हैं। ब्लड कलेक्शन वैन होने के बाद भी सरकारी अस्पतालों में ब्लड का टोटा है। जानकार बताते हैं कि सरकारी अस्पतालों में ब्लड की हमेशा कमी बनी रहती है। विक्टोरिया में हर दिन ऐसे कई मरीज आते हैं, जिनको ब्लड की बेहद जरूरत होती है। ब्लड डोनेशन को लेकर प्रचार- प्रसार नहीं किया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्यप्रदेश में बैठे अधिकारियों का कार्य है कि वे जिले भर में जाकर ब्लड डोनेशन को लेकर जागरूकता अभियान चलाएं और लोगों को ब्लड डोनेट करने के लिए प्रेरित करें। कैम्प लगवाएं। लेकिन यह सब नहीं किया जा रहा।
वैन में स्टाफ,काम नहीं,,
बताया जा रहा है कि एक ब्लड कलेक्शन वैन में 5 लोगों का स्टाफ नियुक्त किया गया है। इसमें एक डॉक्टर, दो तकनिशियन, एक हेल्पर और ड्रायवर शामिल है। इतना स्टाफ रखने के पीछे का मकसद यही था कि जहां भी ब्लड मिले वहां पहुंचकर ब्लड कलेक्शन करना होता है। लेकिन इसके बाद भी काम नहीं हो रहा।
प्रचार-प्रसार नहीं किया जा रहा है
बताया जा रहा है कि दोनों ब्लड कलेक्शन एण्ड ट्रांसपोर्टेशन वैन सौंपने के पहले स्वास्थ्य विभाग ने स्थानीय अधिकारियों को आदेशित किया था कि इसका प्रचार-प्रसार किया जाए। परंतु इस वैन को लेकर लोगों तक जानकारी नहीं पहुंची जिसकी वजह से वैन के माध्यम से लोगों ने ब्लड डोनेट नहीं किया।