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जबलपुर मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी की बोर्ड ऑफ स्टडी कमेटी चयन में विवाद: प्रोफेसर को बना दिया असिस्टेंट प्रोफेसर

पैरामेडिकल टीचर यूनियन ने राज्यपाल को भेजी शिकायत

जबलपुर, यशभारत। मप्र आयुर्विज्ञान यूनिवॢसटी में बनाई गई बोर्ड ऑफ स्टडी कमेटी को लेकर विवाद शुरू हो गया है। दरअसल कमेटी में ऐसे व्यक्तियों को शामिल किया गया है जिनका स्टडी से कोई लेना-देना नहीं है। इसको लेकर पैरामेडिकल टीचर यूनियन एक शिकायती पत्र राज्यपाल को भेजा है। टीचर यूनियन के एक्शन लेने के बाद मध्यप्रदेश में बोर्ड ऑफ स्टडी कमेटी और विवि अधिकारियों की कारगुजारी को लेकर चर्चा शुरू हो गई। कमेटी में प्रोफेसर का पद संभाल रहे एक व्यक्ति को असिस्टेंट प्रोफेसर बना दिया गया जबकि यह विवि नियमों के खिलाफ है।

पैरामेडिकल टीचर यूनियन ने राज्यपाल को भेजी शिकायत में कहा है कि 15 मार्च 2023 को मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलसचिव द्वारा पैरामेडिकल संकाय के पाठ्यक्रमों को सुचारू रूप से चालाने के लिए बोर्ड ऑफ स्टडी का गठन किया गया जिसमे विश्वविद्यालय के उच्च अधिकारीयो द्वारा अपने अधिकारो का अंसवैधानिक और गलत उपयोग करते हुए अयोग्य व्यक्तियो को चयनित कर बोर्ड ऑफ स्टडी का सदस्य बना दिया गया। यहा तक कि बोर्ड ऑफ स्टडी के कुछ अन्य चयनित सदस्यों के चयन के लिये विश्वविद्यालय ने सदस्यो की योग्यता, अनुभव, म.प्र. आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के राज्यपत्रित सवैधानिक नियमों और पैरामेडिकल परिषद के नियमों तक का पालन नही किया ।

पैरामेडिकल संकाय में पंचकर्म विधा से संबंधित किसी भी विषय में अध्ययन नही होता है परंतु विश्वविद्यालय द्वारा गठित किये गये पैरामेडिकल संवर्ग के बोर्ड आफ स्टडी में शासकिय आर्युवेदिक महाविद्यालय जबलपुर से पंचकर्म विषय के विशेषज्ञ को भी बोर्ड आफ स्टडी में असिसटेंड प्रोफेसर का स्थान देकर चयनित किया गया है। जबकि ये चिकित्सक आर्युवेदिक महाविद्यालय में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय ने एक ऐसे फिजियोथैरेपिस्ट को भी स्थान दिया है जो न तो किसी अध्यापन क्षेत्र में है ओर न ही इनके पास अध्यापन का अनुभव है। विश्वविद्यालय में ऐसे अनेक कार्य हो रहे है जिसमें नियम परिनियम कि अनदेखी की जा रही है। जैसे इंदौर एम.जी.एम. मेडिकल कॉलेज के पैरामेडिकल संवर्ग के प्राचार्य पद में पदस्थ चिकित्सक को म.प्र. आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय का संकाय अध्यक्ष / डीन फेकल्टी भी नियुक्त किया गया है जिनका कुल शैक्षणिक अनुभव संदेहास्पद है एवं उनका पैरामेडिकल परिषद में स्नातकोत्तर का पंजीयन भी नही है। टीयर यूनियन ने राज्यपाल से कहा कि विश्वविद्यालय में हो रहे नियम विरूद्ध कार्य एवं अनेतिक चयन प्रणाली को निरस्त कर किसी भी बाहय् व्यक्ति के हस्तक्षेप रहित नियमानुसार योग्य व्यक्ति का विधिवत चयन कर विश्वविद्यालय एवं प्रदेश के पैरामेडिकल संवर्ग को

इनका कहना है
विवि की बोर्ड ऑफ स्टडी का चयन कुलपति द्वारा किया जाता है फिर भी कहीं कोई दिक्कत परेशानी है तो निश्चित रूप से उसमें संशोधन किया जाएगा।
डा. पुष्पराज बघेल, रजिस्ट्रार एमयू

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