जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

नागरिकों को राहत प्रदान करने आवारा श्वानों को पकड़ने नगर निगम का अभियान लगातार जारी

 अवकाश के दिन भी 36 श्वानों को पकड़कर डॉंग हाउस पहुॅंचाया

जबलपुर। शहर के नागरिकों को आवारा श्वानों से राहत प्रदान करने नगर निगम का अभियान लगातार जारी है। निगमायुक्त आशीष वशिष्ठ के निर्देशानुसार आज अवकाश के दिन भी शहर के विभिन्न क्षेत्रों से 36 श्वानों को कठौंदा स्थित डॉंग हाउस पहुॅंचाया गया। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि आवारा कुत्तो की बढ़ती हुई जनसंख्या और उनके काटने की लगातार बढती हुई शिकायतों को नियंत्रित करने के लिए नगर निगम जबलपुर के द्वारा आवारा कुत्तो का बधियाकरण एवं एंटी रेबीज टीकाकरण का कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है, जिसके लिए जबलपुर स्थित पशु कल्याण संस्था माँ बगुलामुखी सेवा समिति से अनुबंध कर विशेष अभियान चलाकर शहर के विभिन्न स्थानो में प्रति दिन आवारा कुत्तो की धरपकड़ की जा रही है। स्वास्थ्य अधिकारी भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि आज हवा घर चौक, रामपुर छापर, चेतराम की मडिया, पंडा की मडिया, गढ़ा, वीरेंद्र पुरी वार्ड, एम.आर.4 रोड मुस्कान हाइट, शिवाजी नगर, ग्रीन सिटी, अधारताल, कमला भंडार के पास, बड़े मोहल्ला, हनुमानताल, महाराजपुर, महाराजपुर कॉलोनी एच24, कृष्णा नगर महाराजपुर, गोपाल आर्केड, दमोह नाका, कटंगी रोड, आदि क्षेत्रों से प्राप्त शिकयतो के आधार पर माँ बगुला मुखी सेवा समिति के डॉग केचर्स कर्मचारियों द्वारा 36 कुत्तो को जबलपुर कठौंदा स्थित श्वान बंधियाकरण केंद्र में लाया लगाया एवं कुत्तो के हेल्थ की जांच कर 34 कुत्तों का बधिया करण ऑपरेशन प्रशिक्षित पशु चिकत्सक द्वारा किया गया, ऑपरेशन के पशचात श्वानो (कुत्तो) को 3 से 4 दिन के लिए पोस्ट ऑपरेटिव केयर में देखभाल के लिए रखा गया है इस दौरान कुत्तो को एंटी बायोटिक दर्द निवारक इन्जेकशन दिए जाते है साथ ही कुत्तो को पोष्टिक आहार भी दिया जाता है।
पोस्ट ऑपरेटिव केयर की अवधि समाप्त होने के पश्चात् इन श्वानो (कुत्तो) को एंटी रेबिज़ का टीका दिया जाता है, ताकि भविष्य में इन्हें रेबीज बीमारी न हो सके और फिर बंधियाकृत श्वानो (कुत्तो) को पकडे गए स्थान पर वापस छोड़ दिया जाता है। संस्था के पशु चिकित्सक द्वारा बताया गया है यह कार्यक्रम जनवरी माह से प्रारंभ किया गया है, ओपरेटिव किये गए कुत्तो की पहचान के लिए उनके कान में (V) आकर का कट दिया जाता है, जिससे बंधियाकृत किये गए कुत्तो के हिमांक प्रवति कम हो जाती है और टीकाकरण किये गए कुत्तो के काटने से रेबीज़ बीमारी संक्रमण की आशंका भी कम हो जाती है।

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