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पीएम मोदी नहीं जाएंगे आसियान समिट, जानें क्या रही वजह

आसियान समिट में भारत की यह वर्चुअल भागीदारी

पीएम मोदी नहीं जाएंगे आसियान समिट, जानें क्या रही वजह

यह खबर भारतीय विदेश नीति के संदर्भ में महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दर्शाती है कि भारत वैश्विक मंचों पर अपनी उपस्थिति को बनाए रखने के लिए तकनीक का उपयोग कर रहा है। दीपावली जैसे सांस्कृतिक अवसरों को ध्यान में रखते हुए लिया गया यह निर्णय पीएम मोदी की रणनीतिक प्राथमिकताओं को भी दर्शाता है।

मलयेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने पुष्टि की है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आसियान समिट में व्यक्तिगत रूप से हिस्सा नहीं लेंगे। इसके बजाय, वह इस आयोजन को वर्चुअली संबोधित करेंगे। अनवर इब्राहिम ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि उन्होंने पीएम मोदी के एक करीबी सहयोगी से बात की, जिसमें भारत और मलयेशिया के बीच संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा हुई। यह निर्णय दीपावली उत्सव के दौरान लिया गया है, जिसके कारण पीएम मोदी ने व्यक्तिगत उपस्थिति के बजाय वर्चुअल भागीदारी को चुना पहले ऐसी अटकलें थीं कि पीएम मोदी समिट के लिए मलयेशिया जाएंगे और वहां उनकी मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से हो सकती है। ट्रेड टैरिफ जैसे मुद्दों के बीच इस मुलाकात की काफी चर्चा थी। हालांकि, पीएम मोदी के वर्चुअल संबोधन की खबर ने इन अटकलों पर विराम लगा दिया है। मलयेशिया के पीएम ने यह भी बताया कि भारत और मलयेशिया कारोबार, निवेश, तकनीक, शिक्षा और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

पीएम मोदी नहीं जाएंगे आसियान समिट, वर्चुअली करेंगे संबोधित; जानें क्या रही वजह

दोनों देशों के बीच मजबूत साझेदारी भविष्य में भी जारी

अनवर इब्राहिम ने अपने बयान में क्षेत्रीय शांति और समृद्धि के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच मजबूत साझेदारी भविष्य में भी जारी रहेगी। पीएम मोदी का वर्चुअल संबोधन आसियान समिट में भारत की सक्रिय भागीदारी को दर्शाता है, भले ही वह व्यक्तिगत रूप से उपस्थित न हों। यह कदम भारत की कूटनीतिक रणनीति और क्षेत्रीय सहयोग के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

आसियान समिट में भारत की यह वर्चुअल भागीदारी

यह खबर भारतीय विदेश नीति के संदर्भ में महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दर्शाती है कि भारत वैश्विक मंचों पर अपनी उपस्थिति को बनाए रखने के लिए तकनीक का उपयोग कर रहा है। दीपावली जैसे सांस्कृतिक अवसरों को ध्यान में रखते हुए लिया गया यह निर्णय पीएम मोदी की रणनीतिक प्राथमिकताओं को भी दर्शाता है। आसियान समिट में भारत की यह वर्चुअल भागीदारी क्षेत्रीय सहयोग और वैश्विक कूटनीति में एक नया अध्याय जोड़ सकती है।

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