वाह…. जबलपुर कोरोना से लड़ने की पूरी तैयारी… लेकिन दवाईयां ही नहीं 9 लाख दवाईयां उपलब्ध कराने स्वास्थ्य विभाग ने भोपाल भेजी डिमांड
गांवों में कोरोना की तैयारियां अधूरीः पेरासिटामोल- लिबोसिट्राजिन और विटामिन सी दवाईयां नहीं
जबलपुर, यशभारत। कोरोना तीसरी लहर से भयावह स्थिति है। रोजाना 150 से ज्यादा पाॅजीटिव केस आ रहे हैं। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग अधिकारी-प्रशासनिक अधिकारियों के बीच बैठकों का दौर जारी है। जागरूकता लाने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं परंतु जानकर हैरान होगी कि जबलपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना मरीजों को दी जाने वाली दवाईयां ही नहीं है। जिला स्वास्थ्य विभाग ने 9 लाख पेरासिटामोल- लिबोसिट्राजिन और विटामिन सी दवाईयां उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग को डिमांड भेजी है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि एक सप्ताह के अंदर स्वास्थ्य विभाग भोपाल डिमांड पूरी कर पाएगा।
रेडक्रास-दानदाताओं से मदद मांगी
स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों ने माना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना से लड़ने के लिए पूरी तैयारियां नहीं है। दवाईयों की सबसे ज्यादा कमी बनी हुई है। अचानक से ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना मरीज बढ़ते हैं तो स्थिति संभालना मुश्किल हो जाएगा। हालांकि अधिकारियों ने ये दावा भी किया है कि रेडक्रास और दानदाताओं से मदद लेकर स्थानीय स्तर पर दवाईयां प्रत्येक ब्लाॅक में भेजी गई है।
डेढ़ हजार जांचे रोज हो रही हैं
जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को देखते हुए विभाग ने पूरी तैयारी की है। अमले को रोजाना गांव-गांव भेजकर पुराने मरीजों से फीडबेक लिया जा रहा है। यही नहीं सात ब्लाॅकों से रोजाना डेढ़ हजार कोरोना सेंपल लिए जा रहे हैं।
प्रत्येक ब्लाॅक में 100-100 बेड बढ़ाए जाएंगे
जिला स्वास्थ्य अधिकारी के अनुसार प्रत्येक विकासखंड के स्वास्थ्य केंद्रों में कोरोना की तैयारियों के तहत 100-100 बेड बढ़ाए जाएंगे। फिलहाल अभी 50-50 बेड ही है। रोजाना प्रत्येक विकासखंड से 250 सेंपल लिए जा रहे हैं इसकी संख्या भी जल्द बढ़ाई जाएगी।
फैक्ट फाइल
– समस्त विकासखंडों में 5 लाख पेरासिटामोल, 2-2 लाख लिबोसिट्राजिन और विटामिन सी की जरूरत
– किसी भी विकासखंड में दवाईयां पर्याप्त नहीं है। दो दिन पहले ही दानदाताओं के द्वारा भेजी गई।
– जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति, सिहोरा 8 और पाटन में 6 मरीज आ चुकें है सामने।
– इमरजेंसी में सिर्फ 10 हजार किट होने का दावा
इनका कहना है
दवाईयों की कमी बनी हुई जिसकी पूर्ति के लिए भोपाल डिमांड भेजी गई है। संभवत एक सप्ताह में कमी दूर हो जाएगी। फिलहाल स्थानीय स्तर पर दवाईयां उपलब्ध कराके विकासखंडों में भेजी जा रही है।
डीजे मोहंती, जिला स्वास्थ्य अधिकारी