अनशन कर रहे कर्मचारियों को मिला नोटिस: रादुविवि प्रशासन ने आंदोलन से निपटने शुरु की सख्ती
जबलपुर, यशभारत। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में पिछले 12 दिनों से कर्मचारी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर अनशन पर डटे हुए हैं। इस दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन ने आंदोलनकारियों से निपटने के लिए कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। शुक्रवार सुबह अनशन में सक्रिय भूमिका निभा रहे पूर्व महासचिव संजय यादव को प्रशासन ने नोटिस सौंपा, जिसमें उन्हें अनशन समाप्त करने की चेतावनी दी गई। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन अब लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन कर तानाशाही नीतियों पर चलने लगा है और कर्मचारियों के शांतिपूर्ण आंदोलन को समाप्त कराने के लिए दबाव बना रहा है। पूर्व महासचिव संजय यादव ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, हमने अनशन शुरू करने से पहले विश्वविद्यालय प्रशासन को सूचना दी थी, लेकिन अब प्रशासन यह आरोप लगा रहा है कि हमने पहले सूचना नहीं दी थी। यह साफ है कि प्रशासन कर्मचारियों के हितों से जुड़े मामलों पर कोई ठोस निर्णय लेने से बच रहा है और जो कर्मचारी इन मुद्दों को उठाने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें दबाने का प्रयास किया जा रहा है।
आर पार की लड़ाई….
इसके अलावा, पूर्व कर्मचारी संघ अध्यक्ष बैसाखू ने कहा, अब यह आर-पार की लड़ाई बन गई है। हम कुलगुरु और कुलसचिव का घेराव करेंगे। नोटिस थमाने से कुछ नहीं होगा। कर्मचारियों की लंबित भुगतान और 70 पदों के निरस्त होने के मामले में कुलगुरु को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। साथ ही, कर्मचारियों की वरिष्ठता पर हुए अन्याय का जवाब विश्वविद्यालय प्रशासन को देना होगा।
गौरतलब है कि लंबित वेतन भुगतान, 70 पदों के निरस्त होने और कर्मचारियों की वरिष्ठता आदि विषयों पर विश्वविद्यालय में कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं।
प्रशासन बना रहा रणनीति….
उधर, विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन जानकारों का कहना है कि स्थिति को काबू में करने के लिए प्रशासन और कर्मचारियों के बीच बातचीत की आवश्यकता है। कर्मचारियों के विरोध को देखते हुए, विश्वविद्यालय प्रशासन को अब अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता हो सकती है ताकि भविष्य में ऐसे आंदोलन न उभरें।