यश भारत : ब्रेकिंग : पुराने बस स्टैंड से बसों का संचालन फिर से शुरू करने की मांग को लेकर सागर बंद के आव्हान पर सम्पूर्ण बाजार पूरी तरह से बंद : व्यापक जनसमर्थन मिला
सागर यश भारत (संभागीय ब्यूरो) / शहर के बीचों-बीच स्थित पुराने बस स्टैंड को पूरी तरह बंद करने के खिलाफ बस आपरेटर यूनियन के आव्हान पर आज सुबह से ही सागर के सभी बाजार और कारोबार पूरी तरह बंद हैं। इस बंद को सभी व्यापारिक – सामाजिक संगठनों कांग्रेस, शिवसेना, कम्युनिस्ट पार्टी आदि राजनीतिक दलों और का समर्थन मिल रहा है।
जिला प्रशासन ने संभागीय मुख्यालय सागर के मुख्य बस स्टैंड को पूरी तरह बंद कर दूर दराज की जगह पर बनाए गए नए बस स्टैंड संचालित करना शुरू कर दिया था। इस निर्णय के खिलाफ बस आपरेटर यूनियन ने शुरुआत से ही विरोध दर्ज करते हुए नए बस स्टैंड से बसों का संचालन निश्चित शर्तों और सुविधाओं के साथ शुरू कर दिया था। इसके बावजूद नए बस स्टैंड की खामियों को लेकर आम जनता, व्यापारिक सामाजिक संगठनों व राजनीतिक दलों द्वारा शुरुवाति दौर से ही विरोध शुरू कर दिया गया था।
बस स्टैंड के व्यवस्थापन और पुराने बस स्टैंड को पूरी तरह बंद करने का सबसे ज्यादा असर आसपास के क्षेत्र से कोर्ट- कचहरी, बैंक जैसे दैनिक कार्यों और जरूरी सामान खरीदी के लिए सीमित समय के साथ शहर आने जाने वाले लोगों पर पड़ा है। इसके अलावा विश्वविद्यालय कॉलेज तथा स्कूलों में आसपास के क्षेत्र से पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए भी बस स्टैंड की दूरी मुसीबत बन गया है। नए बस स्टैंड से इन कामों के लिए शहर की विभिन्न हिस्सों में आने जाने के लिए समय और लोकल ट्रांसपोर्टेशन का खर्च भी इनके जीवन पर भारी पड़ रहा है। जिसके चलते व्यापारिक गतिविधियां भी बुरी तरह प्रभावित हुई है।
लेकिन प्रशासन द्वारा इन सब परेशानियों और विरोध को पूरी तरह नजरंदाज किया जाता रहा है। प्रशासन की इस जिद के खिलाफ बस आपरेटर यूनियन ने बीती 5 अगस्त से बसों का संचालन बंद कर अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू कर दी थी जिसे कांग्रेस शिवसेना समेत राजनीतिक व्यापारिक और सामाजिक संगठनों ने अपना खुला समर्थन तो दिया लेकिन भाजपा और इससे जुड़े स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने चुप्पी साध ली।
हालांकि पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव खुले तौर पर बस स्टैंड विस्थापन के खिलाफ खुले तौर पर सामने आए। स्थानीय विधायक शैलेंद्र जैन व सांसद लता वानखेड़े भी इस निर्णय पर पुनर्विचार के पक्ष में बताए गए हैं। लेकिन सत्तादल में होने के बावजूद प्रशासन से कोई निर्णय नहीं करा पाए हैं।
पिछले एक सप्ताह से चल रहे विरोध प्रदर्शनों पर प्रशासन और सरकार की उदासीनता के चलते बस आपरेटर यूनियन द्वारा आज मंगलवार को सागर बंद का आवाहन किया गया था। इसके समर्थन में सागर के मुख्य बाजार तथा ऑटो टैक्सी पूरी तरह से बंद है। आम जनता भी इस बंद को अपना समर्थन दे रही है। आंदोलन को जिला कांग्रेस कमेटी, शिवसेना, होटल, नमकीन-मिष्ठान व खान- पान विक्रेता संघ, ऑटो यूनियन, व्यापारी संघ आदि ने अपना समर्थन देकर प्रशासन और सरकार से इस जन विरोधी निर्णय को वापस लेने की मांग की है।
देश की संस्कृति के बड़े त्यौहार के रूप में रक्षाबंधन और स्वतंत्रता दिवस पर घरों और संस्थानों में की जाने वाली तैयारीयों पर भी इस बंद का असर पड़ा है। रक्षाबंधन पर्व पर भी राखी दुकानदारो ने बस स्टैंड पुनः वापिस लाने हेतु अपना अपना कारोबार बंद का समर्थन किया है। साथ ही आटो रिक्शा चालक एवं मालिकों ने कटरा मस्जिद के पास एकत्रित होकर आटो चेम्पियन न चले उनका भी भरपूर समर्थन रहा है।
बस आपरेटर यूनियन के अध्यक्ष संतोष पांडे ने कहा कि सागर बंद का आवाहन सभी व्यापारिक सामाजिक और राजनीतिक संगठनों का है। जिसे सागर की आम जनता और व्यापार व्यवसाय करने वाले सभी वर्गों का व्यापक समर्थन मिल रहा है।
इसके बाद भी शासन और प्रशासन द्वारा जनता के हित में कोई निर्णय नहीं लिया जाना बहुत ही दुखद है। बस आपरेटर यूनियन और आम जनता से जुड़ी मांगों को पूरा नहीं किए जाने पर आंदोलन के अगले चरण के संबंध में उन्होंने कहा कि हम संवैधानिक दायरे में रहते हुए अपनी बात को सरकार और प्रशासन तक पहुंचा रहे हैं। इसके बावजूद यदि सुनवाई नहीं होती है तो सभी पक्षों की सहमति से इस आंदोलन को और भी अधिक तेज किया जाएगा।