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मातृशक्ति को इतना कष्ट की रूह कांप रही हैं…. रहम करो…. जिम्मेदार

मेडिकल के स्त्री विभाग पहंुचने पर पार करने पड़ी 40 सीढ़ियां

 

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जबलपुर, यशभारत। हमारे यहां माताओं-बहनों की पूजा होती है, किसी भी हिंदु धार्मिक कार्यकम की शुरूआत इन्ही मातृशक्तियों के हाथों से होती है। परंतु नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल में मातृशक्तियों की दुगर्ति हो रही है, इलाज के नाम पर गर्भवती महिलाओं को प्रताड़ना सहनी पड़ रही है। दरअसल स्त्री विभाग पहंुचने के लिए महिला मरीजों को 40 सीढ़ियां चढ़कर पहंुचना पड़ रहा है। सबसे हैरत की बात तो यह है कि महिला मरीज परेशान हो रही है और इसकी जानकारी मेडिकल अस्पताल के प्रत्येक बड़े अधिकारी को है परंतु आज तक इस ओर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाए गए हैं।

गर्भवती महिलाएं कराहते हुए पहंुचती है

गायनिक विभाग में इलाज कराने पहंुच रही महिला मरीजों में सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं को होती है। वह कराहते हुए विभाग तक पहंुची है इसके बाद 60 उम पार कर चुकी वृद्ध महिलाएं तो सीढ़ियों मे बैठ-बैठकर डाॅक्टरों तक पहंुचती है। बताया जा रहा है कि प्रारंभिक तौर पर लिफ्ट लगाने की योजना थी परंतु यह कार्य भी कागजों में दफन हो गया।

गायनिक विभाग की सिंगाापुर तक में चर्चा

शायद कम लोगों को पता होगा कि नेताजी सुभाषचंद्र बोेस मेडिकल अस्पताल के गायनिक (स्त्री रोग विभाग) के इलाज को सिंगापुर जैसे शहर में सराहना मिल चुकी है। बाबजूद गायनिक विभाग की व्यवस्थाएं सुधारने के प्रयास नकाफी है।

स्त्रीरोग विभाग को नीचे शिफ्ट करने की योजना थी

तत्कालीन डीन डाॅक्टर गीता गुईन के समय महिला मरीजों को चढ़ने-उतरने में होने वाली परेशानियों को देखकर विभाग को नीचे शिफ्ट करने की योजना तैयार की थी परंतु तत्कालीन डीन ने विभाग को शिफ्ट करने से साफ इंकार कर दिया। जिसको लेकर काफी विवाद मचा हुआ था।

गायनिक विभाग को नीचे शिफ्ट किया जाएगा

डीन डाॅक्टर नवनीत सक्सेना का इस संबंध में कहना है कि निश्चित तौर पर गायनिक विभाग पहंुचने पर महिला मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसलिए मेरे ध्यान में है और जल्द ही गायनिक विभाग को नीचे शिफ्ट किया जाएगा। इसकी तैयारियां जोरों पर है। महिला मरीजों को किसी भी तरह की परेशानी न हो इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है।

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