जबलपुरमध्य प्रदेश

क्लच वायर से हो रहा था तेंदुआ का शिकार: दो आरोपी गिरफ्तार; बड़ी मात्रा में क्लच के वायर किए गए जप्त

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जबलपुर यश भारतl वन विभाग के कुंडम रेंज के अंतर्गत अमझर घाटी के बिछुआ ग्राम में तेंदुआ के सर्चिंग ऑपरेशन के दौरान वन विभाग ने क्षेत्र में पेट्रोलिंग की तब कहीं जाकर इस बात का खुलासा हुआ कि यहां जंगलों में तेंदुआ के शिकार के लिए जगह-जगह क्लच वायर के फंदे बनाए गए थे जिसमें फंसकर तेंदुआ झटपटा रहा था और रेस्क्यू के दौरान भाग गया। इसके बाद विभाग ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर हिरासत में लिया है जिनसे पूछताछ की जा रही है कयास लगाए जा रहे हैं कि अभी तक हुए वन्यजीवों के शिकार में इन्हीं आरोपियों का हाथ है और उनकी पूरी गैंग है जो परिक्षेत्र में वारदातों को अंजाम देती आ रही है, अब पूरी जांच के बाद ही परिक्षेत्र में हुए शिकारों का खुलासा होगा।

 

 

 

महेश चंद्र कुशवाहा रेंजर ने पूरी जानकारी देते हुए बताया कि ग्राम बिछुआ में खेत की फेंसिंग में फसे तेंदुआ के रेस्क्यू के बाद वनमंडल अधिकारी जबलपुर ऋषि मिश्रा के निर्देशन में दल गठित कर आस पास के क्षेत्र मे सर्चिंग की गयी । जिसमें खेत की फेंसिंग में क्लच वायर के फंदे पाए गए इसके बाद डॉग स्क्वाड की मदद से सर्च ऑपरेशन चलाया गया|

 

आरोपियों के घर पहुंचा वन विभाग

 

सर्चिंग ऑपरेशन के दौरान मिले सबूत और पूछताछ के बाद आरोपी भगत के घर से वन विभाग की टीम ने क्लच वायर तथा फंदे जप्त किए गए । पूछताछ के दौरान आरोपी ने खेत में फंदे लगाना स्वीकार किया इसके बाद आरोपियों के विरुद्ध वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम 1972की विभिन्न धाराओं के तहत वन अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया एवं आरोपियों को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी धर्मचंद पिता लक्ष्मण एवं भगत पिता पुन्नूलाल निवासी बिछुआ को न्यायिक हिरासत मे जेल भेजा गया |

इस कार्यवाही में डिप्टी रेंजर पड़रिया केवल यादव, बीट प्रभारी अमझर कैलाश कोल, डॉग हैंडलर पवन मेहरा, रेस्क्यू दल प्रभारी गुलाब सिंह राजपूत, ड्रोन टीम एवं परिक्षेत्र कुंडम का सम्पूर्ण वन अमला उपस्थित रहा | परिक्षेत्र अधिकारी कुंडम द्वारा बताया गया कि वनमंडलाधिकारी ऋषि मिश्रा के निर्देशन में आगे भी इस प्रकार की कार्यवाही जारी रहेगी तथा शिकार की नियत से फंदे लगाना, करेंट लगाना, जाल बिछाना इत्यादि वन्यप्राणी अधिनियम के तहत शिकार की श्रेणी मे आता है एवं गैर जमानतीय संज्ञेय अपराध है |

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