
राज्य सरकारें अपनी सीमा में हिंदुओं या किसी भी धार्मिक और भाषाई समुदाय को अल्पसंख्यक घोषित कर सकती हैं। यह दलील अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में दी। दरअसल, भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। इसमें उनकी मांग है कि राज्यों में अल्पसंख्यकों की पहचान तय हो और हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा दिया जाए।
अश्विनी की इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। याचिकाकर्ता की दलील है कि देश के 10 राज्यों में हिंदू भी अल्पसंख्यक हैं, लेकिन उन्हें अल्पसंख्यक योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है, न ही वे मदरसों की तरह स्कूल खोल सकते हैं। अब केंद्र के जवाब के बाद सुप्रीम कोर्ट आज यानी 28 मार्च को इस मामले में सुनवाई करेगा।