हिंदी जीवंत भाषा है, हमें अपने जीवन में हिंदी के प्रचार प्रसार को महत्व देना चाहिए
हिंदी दिवस के अवसर पर प्राचार्य डॉक्टर सरोज गुप्ता, नितिन बंटी शर्मा, प्रोफेसर आनंद प्रकाश त्रिपाठी ,डॉक्टर छाया चौकसे ने रखें विचार
सागर/ हिंदी दिवस के अवसर पर शासकीय कला एवं वाणिज्य अग्रणी महाविद्यालय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ के अंतर्गत आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर आनंद प्रकाश त्रिपाठी तथा सारस्वत वक्त के रूप में डॉ छाया चौकसे की उपस्थिति रही। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष नितिन बंटी शर्मा रहे तथा कार्यक्रम के अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ सरोज गुप्ता ने की।
राष्ट्रीय हिंदी दिवस के अवसर पर महाविद्यालय प्राचार्य डॉ सरोज गुप्ता के निर्देशन व अध्यक्षता में विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ की संयोजक डॉ प्रतिभा जैन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के प्रारंभ में आमंत्रित अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं पुष्प अर्पित किए गए।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री नितिन शर्मा ने कहा कि हमारे देश में हिंदी ही है जो हमारे संपर्क की सबसे सरल और सहज भाषा है। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी हिंदी का ज्यादा से ज्यादा प्रचार- प्रसार करने की है। मुख्य वक्ता के रूप में डॉ आनंद प्रकाश त्रिपाठी ने कहा हिंदी का विकास गैर हिंदी भाषी भी कर रहे हैं। मोबाइल ने अनेकों हिंदी के लेखक तैयार किए हैं। निष्ठा त्याग और समर्पण के बिना हिंदी का विकास संभव नहीं है। सारस्वत वक्त डॉ छाया चौकसे ने कहा कि राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण हिंदी के द्वारा होता है। हिंदी के प्रति जिज्ञासा होना चाहिए। मातृभाषा में पहले बड़े हैं उसका सम्मान करना चाहिए। अध्यक्ष उद्बोधन में संस्था प्राचार्य डॉ सरोज गुप्ता ने कहा कि हिंदी जीवन जीने की कला सिखाती है। हिंदी जीवंत की भाषा है और हमें अपने जीवन में हिंदी के प्रचार प्रसार को महत्व देना चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग के सहायक अध्यापक डॉ राणा कुंकर ने किया एवं डॉ प्रतिभा जैन ने आभार ज्ञापित किया। डॉ संदीप सबलोक ने उक्त जानकारी में बताया कि कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त शैक्षणिक विद्वतजन व कार्यालय स्टाफ सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।