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स्कंदमाता का पूजा पाठ घर में करने से होगा नन्हे मेहमान का आगमन – पं. श्रीहरि जी महाराज

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दमोह। स्थानीय शिव शनि हनुमान मंदिर एस.पी.एम. नगर में 20 नवम्बर 2024 से 28 नवम्बर 2024 तक नव दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत कथा पुराण एवं गौतम परिवार द्वारा आयोजित इस आयोजन में हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध कथा वाचक श्री हरि जी महाराज के मुखारविंद से कथा की जा रही हैं।

हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध कथा वाचक श्री हरि जी महाराज के मुखारविंद से कथा की जा रही हैं। नव दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत कथा के पंचम दिवस कि कथा में स्कंदमाता की पूजा पाठ, करने से घर में नन्हे मेहमान का आगमन होता हैं। नव देवी की अलग-अलग दिन मां दुर्गा के 9 रूपों को समर्पित है। पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा-अर्चना करना चाहिए, स्कंदमाता की चार भुजाएं हैं, इनकी दाहिनी ओर की ऊपर वाली भुजा में भगवान स्कंद गोद में हैं और दाहिनी तरफ की नीचे वाली भुजा में कमल पुष्प है। बाईं ओर की ऊपरी भुजा वरमुद्रा में और नीचे वाली भुजा में कमल हैं। स्कंदमाता की पूजा अर्चना जो नही करता हैं, उस साधक को शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती है, स्कंदमाता संतान सुख देने बाली हैं।

हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध कथा वाचक श्री हरि जी महाराज के मुखारविंद से कथा में बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार, तारकासुर नाम का एक राक्षस था, उसने तपस्या कर ब्रह्मा जी को प्रसन्न किया था। उसने ब्रह्मा जी से अपने आप को अमर करने के लिए वरदान मांगा, इसके बाद ब्रह्मा जी ने उसे समझाया कि जिसका जन्म हुआ है उसे मरना ही होगा, इस बात से तारकासुर निराश हो गया और ब्रह्मा जी से कहा कि प्रभु ऐसा कर दें कि महादेव के पुत्र के हाथों ही मेरी मृत्यु हो, उन्होंने ऐसा इस वजह से किया, क्योंकि वो सोचता था कि कभी-भी भगवान शिव का विवाह नहीं होगा, तो उनका पुत्र कैसे होगा, इसलिए जीवन में कभी उसकी कभी मृत्यु नहीं होगी। इसके बाद उसने लोगों पर अत्याचार करने शुरू कर दिए, उसके अत्याचार से देवी-देवता परेशान होकर शिवजी के पास पहुंचे। उन्होंने शिवजी से प्रार्थना की कि वो उन्हें तारकासुर से मुक्ति दिलाएं, ऐसे में भगवान शिव ने पार्वती से विवाह किया और कार्तिकेय के पिता बनें, बड़े होने के बाद कार्तिकेय ने तारकासुर का वध किया। भगवान कार्तिकेय की माता स्कंदमाता हैं, या देवी सर्वभूतेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै: नमस्तस्यै: नमस्तस्यै: नमो नमः।।

आज होगी महा आरती

आज कथा के छठवें दिन महा आरती का आयोजन किया जायेगा जिसमे सभी धर्म प्रेमियों से उपस्थित की अपील की है।

यह आयोजन प्रतिदिन 20 नबंवर से 28 नवंबर तक कथा प्रतिदिन दोपहर 2ः30 बजे से शाम 6 बजे तक श्रीमद् देवी भागवत कथा का आयोजन किया जाएगा। तत्पश्चात शाम 6 बजे आरती एवं प्रसाद वितरण किया जावेगा। शहर में पहली बार श्रीमद् देवी भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है सभी धर्म प्रेमी बंधुओ से इस अवसर पर गौतम परिवार ने सभी से अधिक से अधिक संख्या में पधारकर धर्म लाभ ले।

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