साइबर पुलिस की बड़ी कार्रवाई: ऑनलाइन जालसाजी कर ठगे गए लाखों रुपए करवाए रिफंड…. पढ़ें यश भारत की पूरी रिपोर्ट
जबलपुर यश भारत | साइबर पुलिस की त्वरित कार्रवाई के चलते ऑनलाइन ठगी करने वाले जालसाजी पर शिकंजा कसते हुए पीड़ितों को बड़ी राहत प्रदान की गई जिसके चलते साइबर पुलिस ने 4 मामलों में अब तक ठगे गए लाखों रुपए आरोपियों से पीड़ितों को वापस दिलवाते हुए कठोर कार्रवाई की गई|
– केस नंबर 1
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राज्य सायबर सेल पुलिस मुख्यालय भोपाल के द्वारा सायबर अपराध के त्वरित निराकरण के निर्देश दिये गये थे | इसी परिप्रेक्ष्य मे पुलिस अधीक्षक राज्य सायबर पुलिस जोन जबलपुर लोकेश सिन्हा ने बताया कि अधारताल जबलपुर निवासी सेवानिवृत्त शिक्षिका के बैंक खाते से एटीएम क्लोनिग के माध्यम से 3,00,000/रुपये अनाधिकृत रूप से एटीएम के माध्यम से आहरित किये गये थे जिसकी शिकायत आवेदिका द्वारा राज्य सायबर पुलिस जोन जबलपुर में उपस्थित होकर दर्ज कराई गई थी। शिकायत आवेदन पत्र की गंभीरता को देखते हुये त्वरित कार्यवाही की गई। शिकायत जांच के दौरान जिन एटीएम बूथ से ठगी की राशि आहरित की गई थी उनकी सीसीटीवी वीडियो फुटेज संबंधित जानकारी एसबीआई बैंक से प्राप्त की गई साथ ही उक्त स्टेट बैंक ऑफ इंडिया शाखा अधारताल जिला जबलपुर को तत्काल मेल के माध्यम से घटना से अवगत कराते हुये ठगी की संपूर्ण राशि आवेदिका को रिफंड कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया जिसके फलस्वरूप आवेदिका के बैंक खाते से आहरित ठगी की संपूर्ण राशि 3,00,000/रुपये आवेदिका के उक्त खाते मे रिफंड कराई गई। उक्त कार्य हेतु आवेदिका के द्वारा राज्य सायबर पुलिस जोनल कार्यालय जबलपुर मे उपस्थित होकर जांच कार्य मे एवं इसके साथ घटित घटना के उपरांत संपूर्ण राशि रिफंड कराये जाने मे संलम्न स्टाफ का आभार व्यक्त किया गया।
– केस नंबर 2
पुलिस अधीक्षक राज्य सायबर पुलिस जोन जबलपुर लोकेश सिन्हा ने बताया कि ग्वारीघाट जिला जबलपुर निवासी सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी के मोबाइल पर एस.एम.एस के माध्यम से किसी अज्ञात जालसाज के द्वारा आवेदक को लोन दिलाने हेतु एक फर्जी लिंक भेजी गई जिसे क्लिक करते ही एक फर्जी पेज ओपन हुआ जिस पर आवेदक ने अपने बैंकिंग संबंधी व्यक्तिगत जानकारी दर्ज कर दी जिससे तत्काल आवेदक के बैंक खाते से तीन अलग – अलग ट्रांजेक्शन के द्वारा 9,00,000/रुपये आहरित होने के मैसेज प्राप्त हुए जब आवेदक के द्वारा इसकी पुष्टि हेतु निजी बैंक शाखा में जाकर पता किया तो यह ज्ञात हुआ कि किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा आवेदक के साथ 9,00,000/रुपयों की ठगी की जा चुकी थी, जिसकी शिकायत आवेदक द्वारा राज्य सायबर पुलिस जोन जबलपुर मे उपस्थित होकर दर्ज कराई गई। शिकायत आवेदन पत्र की गंभीरता को देखते हुये त्वरित कार्यवाही की गई। शिकायत जांच के दौरान आवेदक के मोबाइल पर प्राप्त मैसेज का अध्ययन कर अवैध ट्रांजेक्शन की जानकारी हेतु संबंधित पेमेन्ट गेटवे नोडल अधिकारी / बैंक मैनेजर को पत्राचार व दूरभाष के माध्यम से तत्काल संपर्क किया गया एवं अवैध ट्रांजेक्शन को रोकने एवं ट्रांजेक्शन की जानकारी प्रदान करने हेतु निर्देशित किया गया। त्वरित कार्यवाही किये जाने के फलस्वरूप आवेदक के बैंक खाते से आहरित ठगी की राशि 9,00,000/रुपये मे से 3,99,999/रुपये आवेदक के खाते में रिफंड कराए गये। उक्त कार्य हेतु आवेदक के द्वारा राज्य सायबर पुलिस जोनल कार्यालय जबलपुर में उपस्थित होकर राशि रिफंड कराये जाने मे संलग्न स्टाफ का आभार व्यक्त किया गया।
– केस नंबर 3
पुलिस अधीक्षक राज्य सायबर पुलिस जोन जबलपुर लोकेश सिन्हा ने बताया कि सिविल लाइंस जिला जबलपुर निवासी सेवानिवृत्त प्रोफेसर के मोबाइल पर एस. एम.एस के माध्यम से किसी अज्ञात जालसाज के द्वारा आवेदक की बीएसएनएल सिम्र मे पूर्व में दर्ज किये गये दस्तावेब एक्सपायर होने की बात कही गई एवं आवेदक को उसके दस्तावेजों का वेरीफिकेशन कराने हेतु एसएमएस के माध्यम से एक फर्जी लिंक भेजी गई जिसे क्लिक करते ही एक फर्जी पेज ओपन हुआ जिसपर आवेदक ने अपनी व्यक्तिगत जानकारी दर्ज कर दी जिससे तत्काल आवेदक के बैंक खाते से दो अलग – अलग ट्रांजेक्शन के द्वारा 2,00,000/रुपये आहरित होने के मैसेज प्राप्त हुए जब आवेदक के द्वारा इसकी पुष्टि हेतु निजी बैंक शाखा मे जाकर पता किया तो यह ज्ञात हुआ कि किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा आवेदक के साथ 2,00,000/रुपयों की ठगी की जा चुकी थी, जिसकी शिकायत आवेदक द्वारा राज्य सायबर पुलिस जोन जबलपुर में उपस्थित होकर दर्ज कराई गई थी। शिकायत आवेदन पत्र की गंभीरता को देखते हुवे त्वरित कार्यवाही की गई।
शिकायत जांच के दौरान आवेदक के मोबाइल पर प्राप्त मैसेज का अध्यवन कर अवैध ट्रांजेक्शन की जानकारी हेतु संबंधित पेमेन्ट गेटवे नोडल अधिकारी / बैंक मैनेजर को पत्राचार व दूरभाष के माध्यम से तत्काल संपर्क किया गया एवं अवैध ट्रांजेक्शन को रोकने एवं ट्रांजेक्शन की जानकारी प्रदान करने हेतु निर्देशित किया गया तथा आवेदक के साथ हुई धोखाधड़ी की राशि रिफंड किये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही की गई जिसके फलस्वरूप आवेदक के बैंक खाते से आहरित ठगी की संपूर्ण राशि 2,00,000/रुपये आवेदक के खाते में रिफंड कराए गये । उक्त कार्य हेतु आवेदक द्वारा राज्य सायबर पुलिस जोनल कार्यालय जबलपुर में उपस्थित होकर उक्त जांच कार्यवाही व रिफंड कराने मे संलम स्टाफ का आभार व्यक्त किया गया।
– केस नंबर 4
पुलिस अधीक्षक राज्य सायबर पुलिस जोन जबलपुर लोकेश सिन्हा ने बताया कि जिला सीधी निवासी सेवानिवृत्त आर्मी कर्मचारी ने बताया कि उसके द्वारा क्रेडिटकाई के माध्यम से 5,000/रुपयों का पेमेन्ट किया गया था जो कि आवेदक के खाते से डिडक्ट हो गये कित पेमेन्ट जमा नहीं हो सकी तब आवेदक द्वारा एस.बी.आई. बैंक के टोलफ्री नंबर | 80011221 पर कॉल करके अपनी समस्या बताई गई तब कॉल रिसीव करने वाले अधिकारी द्वारा आवेदक को यह बताया गया कि उसकी रिक्वेस्ट को फॉर्वड्ड कर दिया गया है जल्द ही आपकी समस्या का निराकरण हेतु संबंधित अधिकारी द्वारा उसके मोबाइल पर संपर्क किया जावेगा | इसके पक्षात आवेदक के मोबाइल पर अज्ञात जालसाज द्वारा कॉल करके पैसे रिफंड करने की बात कहकर उसके मोबाइल पर एनीडेस्क एप डाउनलोड कराया गया एवं तत्काल आवेदक के बैंक खाते से पांच अलग – अलग ट्रांजेक्शन के द्वारा 2,82,000/रुपये आहरित कर लिये गये। आवेदक द्वारा उक्त घटना की शिकायत राज्य सायबर पुलिस जोन जबलपुर मे उपस्थित होकर दर्ज कराई गई । शिकायत आवेदन पत्र की गंभीरता को देखते हुये त्वरित कार्यवाही की गई। शिकायत जांच के दौरान अवैध ट्रांजेक्शन की जानकारी हेतु संबंधित पेमेन्ट गेटवे नोडल अधिकारी / बैंक मैनेजर को पत्राचार व द्रभाष के माध्यम से तत्काल संपर्क किया गया एवं अवैध ट्रांजेक्शन को रोकने एवं ट्रांजेक्शन की जानकारी प्रदान करने हेतु निर्देशित किया गया जिसके फलस्वरूप आवेदक के बैंक खाते से आहरित ठगी की राशि 2,82,000/रुपये मे से 1,03,780/रुपये आवेदक के खाते मे रिफंड कराए गये । उक्त कार्य हेतु आवेदक वरेन्द्र कुशवाहा द्वारा राज्य सायबर पुलिस जोनल कार्यालय जबलपुर मे उपस्थित होकर समस्त स्टाफ का आभार व्यक्त किया गया।
– ऐसे बचें साइबर क्राइम से
– बैंक से संबंधित कोई भी मैसेज प्राप्त होने पर बैंक शाखा जाकर ही जानकारी प्राप्त करें ।
– फोन कॉल्स पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा दिये जा रहे निर्देशों का पालन कतई नहीं करें।
– रिमोट एप्स / स्क्रीन शेयरिंग एप जैसे टीम व्यूवर, एनीडेस्क, क्विक सपोर्ट इत्यादि किसी अज्ञात कॉलर के कहने पर इंस्टॉल नहीं करें।
– एटीएम का उपयोग करते समय अपना डेबिट काई किसी अनजान व्यक्ति को न दें व एटीएम कार्ड इंटर करने से पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि एटीएम पर किसी भी प्रकार की कोई हैकिंग डिवाइस नहीं लगी है। किसी भी अज्ञात श्रोत के द्वारा भेजे गये फर्जी लिंक को क्लिक न करें ।