सांसद के आदेश का भी नहीं हुआ असर : गंदा पेयजल लेकर पहुंचे थे मोहगॉव के ग्रामीण
मंडला| खबर आदिवासी अंचल कहे जाने वाले मंडला से है जहां पी.एच.ई. विभाग की मनमानी धांधली व लापरवाही चरम सीमा पर पहुंच गई है। मामला मोहगांव का है जहां ग्रामीणजन सांसद के पास गंदा पानी लेकर पहुंचे थे और व्यवस्था की मांग की थी लेकिन सांसद महोदय के आदेश का भी अधिकारियों का पर प्रभाव नहीं पड़ा ।
विभाग के माध्यम से जन समस्याओं का निराकरण आसानी के साथ पूरा नहीं हो पा रहा है। समय सीमा में समस्याओं का निराकरण करने में पी.एच.ई. विभाग संपूर्ण मंडला जिले में लापरवाही बरत रहा है और गांव गांव सिर्फ सड़क किनारे गड्डा बनाकर एक पाइप डाल कर खाना पूर्ती कर दिया जाता है। किंतू ऐंसे दर्जनों ग्राम हैं जहां वर्षों से पाइप लाइन डला हुआ है किंतू उनमे से पानी सप्लाई नहीं हो पा रहा है l
करोडों रूपए खर्च होने के बाद भी पानी की समस्या जस के तस बनी हुई है। इसी तरह से मंडला जिला मुख्यालय से महज 40 किलोमीटर दूर स्थित विकासखंड मुख्यालय मोहगांव के ग्रामीण वर्षो से गंदा व खराब पानी पीने को मजबूर हैं। विकासखंड मुख्यालय मोहगांव में शुध्दा पेयजल की व्यवस्था के लिए करोडों रूपए का फिल्टर प्लांट स्वीमकृत किया गया था और उसका काम भी शुरू कर दिया गया है किंतू आज तक उक्त कार्य पूर्ण नहीं हुआ और अब तो पूरा होने की उम्मीद भी खत्म हो चुकी है। और करोडों रूपए का यह फिल्टर प्लांट भी भ्रष्टाचार की भेंट चढता दिखाई दे रहा है ।
बता दें की लोकसभा चुनाव के बाद मंडला सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते विगत दिनों मोहगांव दौरा पर आए हुए थे और सांसद के मोहगांव आगमन की खबर पाकर मोहगांव के ग्रामीण एक बार फिर पानी की समस्या को लेकर गंदा पानी लिए हुए सांसद के पास आकर शुध्द पेयजल की व्यवस्था कराने हेतु आग्रह किया गया और सांसद भी गंदा पानी देखकर तत्काल सम्बंधित विभाग के जिला अधिकारी को फोन लगाकर विकासखंड मुख्यालय मोहगांव में तत्काल एक बोरिंग कर मोहगांव में साफ पानी व्यवस्था कराने निर्देशित किया था किंतू अधिकारी पर कोई प्रभाव नहीं पडा और मोहगांव के ग्रामीण तब से आज तक बोरिंग मशीन की आने का इंतजार कर रहे हैं l
जिम्मेदारों पर सांसद के निर्देशों का कोई असर नहीं हुआ और विकासखंड मुख्यालय मोहगांव के लोग वहीं गंदा पानी पीकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं।