संस्कारधानी में निवेशकों के महाकुंभ का आगाज, सीएम मोहन यादव ने किया शुभारंभ
जबलपुर में इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव में देशभर से पहुंचे उद्योगपति
जबलपुर, यशभारत। महाकौशल अंचल में औद्योगिक विकास की गति बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने आज संस्कारधानी-जबलपुर में अपना दूसरा रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आरआईसी आयोजित किया है जिसका शुभारंभ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 80 करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित च्नेताजी सुभाष चंद्र बोस सांस्कृतिक और सूचना केंद्र में दीप प्रज्वलन कर किया। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि प्रदेश के एमएसएमई मंत्री चैतन्य काश्यप पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटैल भी मौजूद रहे। इस विराट आयोजन में प्रमुख उद्योगपतियों, विभिन्न उद्योग संघों के प्रतिनिधियों और कॉन्क्लेव में 5 देशों के प्रमुख विदेशी प्रतिनिधियों सहित 3500 से अधिक उद्योग जगत की प्रमुख हस्तियां शिरकत कर रही हैं सम्मेलन में मुख्यमंत्री डॉ. यादव 60 से अधिक इकाइयों का वर्चुअली उद्घाटन कर उद्योगपतियों से वन-टू-वन चर्चा भी कर रहे हैं। इस कान्क्लेव में देश के प्रमुख औद्योगिक घरानों और नामी कंपनियों के प्रतिनिधि शिरकत कर रहे हैं। ब्रिटेन, ताइवान सहित पांच देशों से आ रहे प्रतिनिधि भी कान्क्लेव में भाग ले रहे हैं। वे जबलपुर और आसपास के क्षेत्र में औद्योगिक निवेश को लेकर एमओयू पर हस्ताक्षर करेंगे। कान्क्लेव में करोड़ों रुपये के औद्योगिक करार की संभावना है।
श्रमिकों और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
■ महाकौशल में समृद्धि के द्वार खुलेंगे
महाकौशल अंचल खनिज और वन संपदा से समृद्ध है। कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए अनुकूल है। रक्षा उत्पाद के निर्माण में प्रगतिशील है। वस्त्र एवं पर्यटन उद्योग को लेकर भी अंचल में अपार संभावनाएं है। इन समस्त क्षेत्रों में निवेश से औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। बड़े निवेशकों के आगमन से समूचे महाकौशल में समृद्धि के द्वार खुलेंगे।
■ये निवेशक हुए शामिल
रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में शामिल होने वाले औद्योगिक व व्यावसायिक समूहों में बैद्यनाथ, आईटीसी, वोल्वो, आयशर, बेस्ट कॉर्प, एसआरएफ एवं दावत प्रमुख हैं। आरआईसी में ताइवान, मलेशिया, ब्रिटेन, फिजी, जापान और इंडोनेशिया के प्रमुख विदेशी प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
सीएम ने सोशल मीडिया पर शुभकामनाएं दीं
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज जबलपुर में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का शुभारंभ करने से पहले आयोजन स्थल नेताजी सुभाष चंद्र बोस सांस्कृतिक एवं सूचना केंद्र का लोकार्पण कर सभी को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।
■छह बड़े कॉरिडोर को भी रखा जाएगा
दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, अटल प्रोग्रेस-वे, ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर, वाराणसी-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, नर्मदा एक्सप्रेस-वे, दिल्ली-नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को भी निवेशकों के सामने रखा जाएगा। इसके आसपास निवेश की काफी संभावनाएं होंगी।
ये पॉइंट भी अहम साबित होंगे
जबलपुर में गोला बारूद, हथियार, ग्रैनेड्स, बॉम्ब, मिलिट्री मोटर व्हीकल, सागर में इंफेंट्री डिवीजन व फायरिंग रेंज, कटनी में कारतूस-गोला बारूद बनाने के उपकरण, इटारसी में मिसाइल छोडऩे का सिस्टम, ग्वालियर में डीआरडीई, महाराजपुर एयरफोर्स स्टेशन, इलेक्ट्रॉनिक वार फेयर रेंज और टेक्टिक्स एंड एयर कॉम्बेट डेवलपमेंट इस्टेब्लिशमेंट आते हैं। यह डिफेंस क्लस्टर के लिए अहम साबित होंगे।
■डिफेंस में निवेश किया तो 50 एकड़ तक जमीन 75प्रश डिस्काउंट पर
जबलपुर समिट में सरकार डिफेंस कॉरिडोर के साथ भोपाल, ग्वालियर, पीथमपुर, सागर के लिए भी निवेशकों को आकर्षित करने वाली है। सरकार ने निवेशकों को बड़ा ऑफर भी दिया है। यदि कोई इंडस्ट्री डिफेंस सेक्टर में निवेश करती है तो उसे 50 एकड़ तक जमीन 75त्न तक डिस्काउंट पर मिलेगी। इसके अलावा बड़ा लैंड-बैंक भी निवेशकों के सामने रखा जाएगा। डिफेंस के लिए मिली जमीन बेचने पर सब-लीज पर दिया जा सकेगा।
■500 करोड़ से अधिक निवेश पर इन्सेंटिव
डिस्काउंट पर जमीन के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, उपकरणों के आयात समेत अन्य कई चीजों पर राज्य सरकार ने 500 करोड़ तक का इन्सेंटिव देने का प्रस्ताव दिया है।फूड प्रोसेसिंग और टैक्सटाइल के साथ टूरिज्म क्षेत्र में निवेश पर भी सरकार भरपूर मदद करने का वादा कर रही है।
●निवेशकों के सामने ऐसे ब्रांडिंग
पानी-बिजली के साथ सस्ते मैनपॉवर की उपलब्धता, खनिज की मौजूदगी, रोड-रेल के साथ दो इंटरनेशनल व पांच डोमेस्टिक एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी, छह ड्राइपोर्ट और बहुत कुछ।
■क्षेत्रीय क्षमता का दोहन करना है उद्देश्य
जबलपुर में हो रही आरआईसी का मकसद जबलपुर क्षेत्र की औद्योगिक क्षमताओं और अवसरों से निवेशकों को रू-ब-रू करवाकर क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना है। इस इनोवेटिव कॉन्क्लेव का उद्देश्य प्रमुख बाजारों से निवेशकों को एक मंच पर लाकर, सार्थक चर्चा कर सहयोग को बढ़ावा देना है।
निवेशकों में अदाणी समूह की डिफेंस यूनिट देख रहे अशोक वाधवान, एडवांस वेपन इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड के राजेश चौधरी, सैन्य वाहन निगम लिमिटेड के सीएमडी संजय द्विवेदी जैसे बड़े नाम शामिल हैं। अदाणी समूह अभी शिवपुरी के आसपास 10 हजार करोड़ का निवेश करने वाला है। जमीन देख ली गई है। यह गोला-बारूद उत्पादन से जुड़ी यूनिट होगी।
■राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में निवेशकों से चर्चा
इस कॉन्क्लेव में जबलपुर समेत महाकोशल में माइनिंग, मिनरल, डिफेंस, एग्रो प्रोसेसिंग व पर्यटन जैसे सेक्टर पर फोकस रहेगा। शुक्रवार शाम तक 3500 से ज्यादा निवेशकों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इनमें तीन हजार रजिस्ट्रेशन सिर्फ मध्यप्रदेश से हुए हैं। बाकी रजिस्ट्रेशन अन्य राज्यों से हैं। कॉन्क्लेव को सेक्टर वाइस प्रेजेंटेशन में बांटा है। डेलिगेट्स के लिए अलग से व्यवस्था की गई है। राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस के जरिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बड़े निवेशकों से चर्चा करेंगे। इसमें 300 के ज्यादा गेस्ट्स को बुलाया गया है। 418 ऐसे लोग चिह्नित हैं, जिन्होंने 10 करोड़ से ज्यादा निवेश की बात कही है। आयोजन में 50 मुख्य वक्ता होंगे।
■ पांच सेशन में अलग-अलग सेक्टर पर होगी बात
आयोजन को पांच सेशन में बांटा गया है। इसमें पहला सेशन- माइनिंग-मिनरल, दूसरा- एग्रीकल्चर-फूड प्रोसेसिंग, तीसरा- डिफेंस, चौथा- टेक्सटाइल गारमेंट और पांचवां- पर्यटन सेशन होगा। राउंड टेबल मीटिंग में डिफेंस एग्रीकल्चर ,डेयरी, फूड प्रोसेसिंग टैक्स्टाइल एंड गारमेंट्स जबलपुर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के साथ राउंड टेबल बैठकें भी होंगी। प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। इसमें जबलपुर की व्यापारिक संभावनाओं का प्रदर्शन किया जाएगा।
■ मलेशिया, इंडोनेशिया के प्रतिनिधिमंडल हुए शामिल
कार्यक्रम में ब्रिटेन, ताइवान, मलेशिया, इंडोनेशिया, यूके समेत कई देशों के प्रतिनिधि मंडल शिरकत कर रहे हैं। विदेशी निवेशकों को लुभाने के लिए मटर, फल और अन्य फसलों का प्रजेंटेशन भी दिया जाएगा। कॉन्क्लेव में 70 ऐसे प्रकल्पों का वर्चुअल लोकार्पण और भूमिपूजन भी किया जाएगा। कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने बताया कि कार्यक्रम न सिर्फ जबलपुर, बल्कि महाकौशल के लिए मील का पत्थर साबित होगा। करीब 10 इंटरनेशनल कंपनियों के प्रतिनिधि मंडल ने हामी भरी है।