शिक्षा विभाग में फिर लोकायुक्त की रेड: बीआरसी 6 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार
लोकायुक्त को देख तारीख भूल गया बीआरसी, बिल निकलवाने लेखापाल से मांगे थे 12 हजार रूपए

जबलपुर, यशभारत। जबलपुर के शिक्षा विभाग दफ्तर में एक बार फिर लोकायुक्त ने रेड करते हुए एक अधिकारी को 6 हजार की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया। लोकायुक्त की दबिश देते ही कार्यालय में हड़कंप मच गया, रिश्वतखोर अधिकारी भागने की फिराक में बाहर जाने लगा जिसे दौड़कर पकड़ा गया।
लोकायुक्त डीएसपी दिलीप झरबड़े ने बताया कि बीआरसी ग्रामीण जबलपुर कार्यालय में पदस्थ लेखापाल विक्रम सिंह राजपूत ने शिकायत की थी बीआरसी ठाकुर प्रसाद पटेल बिल निकलवाने के नाम पर 60 प्रतिशत राशि की मांग करता है। इसी के तहत एक बिल निकलवाने के लिए बीआरसी से 12 हजार में लेखापाल का सौदा हुआ था। सोमवार की सुबह लेखापाल कार्यालय पहुंचा और रिश्वत 6 हजार रूपए जैसे ही बीआरसी को दिए उसी वक्त लोकायुक्त ने दबिश देते हुए उसे दबोच लिया।

कुर्सी में सान से बैठा रहा रिश्वतखोर अधिकारी
लोकायुक्त डीएसपी कार्रवाई करने के बाद जब जांच प्रतिवेदन में हस्ताक्षर कराने रिश्वतखोर अधिकारी के पास पहुंच तो वह कुर्सी से उठा नहीं और डीएसपी ने खड़े होकर कुर्सी में बैठे अधिकारी से साइन कराएं।

बड़े अधिकारी के खास था आरोपी
लोकायुक्त में ट्रेप हुए बीआरसी जिला शिक्षा केंद्र कार्यालय एक बड़े अधिकारी खास रहे हैं और इसलिए उनके पास पनागर और जबलपुर ग्रामीण का बीआरसी का प्रभार था। बताया जा रहा है कि पनागर में भी रिश्वतखोर अधिकारी से अधिकारी-कर्मचारी परेशान थे और जनप्रतिनिधियों ने शिकायत कर उसे हटवाया था।
प्रतिनियुक्ति में मिली बीआरसी की कुर्सी
लोकायुक्त के हाथ धरे गए बीआरसी ठाकुर प्रसाद पटेल मूलत: नरसिंहपुर निवासी है और जिला शिक्षा केंद्र में पदस्थ एक अधिकारी के कारण वरिष्ठ अध्यापक को बीआरसी के पद पर प्रतिनियुक्ति मिली है। आरोपी के पास पनागर और जबलपुर ग्रामीण कार्यालय का फायनेंस का प्रभार भी था।
कार्यालय में दूसरी बार लोकायुक्त की कार्रवाई
बताया जा रहा है कि तीन साल पहले भी तत्कालीन बीआरसी मुकेश श्रीवास्तव को भी लोकायुक्त ने दबोचा था। उस समय भी लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद शिक्षा विभाग बड़ा बवाल मचा था।
कुछ दिन पहले ही जेडीई गिरफ्तार हुए
मालूम हो कि कुछ दिन पहले ही लोकायुक्त ने संभागीय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण राममोहन तिवारी को प्यून से रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। खास बात यह है कि संभागीय कार्यालय लोक शिक्षण और बीआरसी कार्यालय आमने-सामने है। एक सप्ताह के अंदर लोकायुक्त की कार्रवाई दो बार होने से शिक्षा विभाग में तरह-तरह की चर्चाएं हैं।