COVID-19 का नया JN.1 वैरिएंट: घबराहट नहीं, सावधानी है समाधान – एक्सपर्ट
Deshduniya

गाजियाबाद,: देश भर में COVID-19 के नए JN.1 वैरिएंट के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट पर है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। गाजियाबाद में सामने आए मामलों के बाद स्वास्थ्य अधिकारियों ने स्थिति पर कड़ी नजर रखी हुई है और जनता को केवल सावधानी बरतने की सलाह दी है।
गाजियाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया कि शुक्रवार, 23 मई को जिले में COVID-19 के चार नए मामले सामने आए। राहत की बात यह है कि सभी मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हैं, जिनमें से तीन होम आइसोलेशन में हैं और एक निजी अस्पताल में भर्ती है। डॉ. मोहन ने जोर देकर कहा कि इन मरीजों में खांसी, जुकाम और बुखार के अलावा कोई अन्य गंभीर मेडिकल कॉम्प्लिकेशन नहीं है। उन्होंने इसे मौसम बदलने पर होने वाले सामान्य वायरल इन्फेक्शन जैसा बताया और किसी भी तरह की घबराहट से बचने की सलाह दी।
JN.1: ओमीक्रॉन का ही उप-वैरिएंट
डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया कि JN.1 कोरोनावायरस के आखिरी वैरिएंट ओमीक्रॉन का ही एक सब-वैरिएंट है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह पिछले वैरिएंट्स की तुलना में खतरनाक साबित नहीं हुआ है। स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट पर है और जिले के सभी निजी और सरकारी अस्पतालों तथा पैथोलॉजी लैब को COVID-19 के मामलों की जानकारी तत्काल स्वास्थ्य विभाग को देने और IDSP पोर्टल पर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं।
JN.1 के लक्षण और तीव्रता
विशेषज्ञों के अनुसार, JN.1 वैरिएंट तेजी से फैलने की क्षमता रखता है, लेकिन इसकी तीव्रता बेहद कम है। इसके सामान्य लक्षणों में खांसी, जुकाम, बुखार, गले में खराश, थकान, सर दर्द और गंध व स्वाद में कमी महसूस होना शामिल हैं। अच्छी बात यह है कि अधिकांश संक्रमित व्यक्ति होम आइसोलेशन में ही ठीक हो जाते हैं और अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
भारत में JN.1 की स्थिति:
भारत में 19 मई, 2025 से अब तक JN.1 वैरिएंट के कुल 300 मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी बयान जारी कर कहा है कि घबराने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि लगभग सभी मामले हल्के हैं और किसी भी मरीज को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं पड़ी है। हालांकि यह नया वैरिएंट देश के कई राज्यों में सामने आया है, लेकिन इसकी संख्या देश की जनसंख्या के हिसाब से बेहद कम है, जो चिंता का कारण नहीं है।
कुल मिलाकर, विशेषज्ञों की सलाह है कि लोग स्वच्छता बनाए रखें, यदि लक्षण महसूस हों तो भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें और यदि आवश्यक हो तो डॉक्टर से परामर्श लें। घबराहट के बजाय सावधानी और जागरूकता ही इस नए वैरिएंट से निपटने का सही तरीका है।