शंकराचार्य के अद्वैत सिद्धांत “अहम् ब्रह्मास्मि” के विचारधारा से प्रेरित होकर पं. दीनदयाल उपाध्याय ने “एकात्म मानववाद” की अवधारणा

गोटेगांव नरसिंहपुर lपं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर “अन्त्योदय विचार धारा” विषय पर आधारित जिला स्तरीय व्याख्यान कार्यक्रम पूर्व राज्यसभा सांसद श्री कैलाश सोनी की अध्यक्षता व पूर्व राज्यमंत्री जालम सिंह पटेल के मुख्य आतिथ्य में स्वामी विवेकानंद शासकीय महाविद्यालय- पीजी कॉलेज नरसिंहपुर के सभागृह में बुधवार को सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. मनीष अग्रवाल मौजूद थे। यह कार्यक्रम मध्यप्रदेश जनअभियान परिषद के तत्वाधान में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण कर किया गया।
कार्यक्रम के मुख्यवक्ता व पूर्व राज्यसभा सांसद सोनी ने अंत्योदय विचार धारा पर आधारित अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने बताया की एकात्म मानववाद एवं अंत्योदय जगतगुरु शंकराचार्य के अद्वैत सिद्धांत “अहम् ब्रह्मास्मि” के विचारधारा से प्रेरित होकर पं. दीनदयाल उपाध्याय ने “एकात्म मानववाद” की अवधारणा की। एकात्म मानववाद एक ऐसी विचारधारा है, जिसके केंद्र में व्यक्ति, परिवार व समाज, राष्ट्र, विश्व और फिर अनंत ब्रह्मांड समाविष्ट है। सभी एक दूसरे से जुड़कर अपना अस्तित्व रखते हैं। वह एक- दूसरे के पूरक व स्वाभाविक सहयोगी हैं। इनमें कोई परस्पर संघर्ष नहीं है। यदि इनमें आपस में संघर्ष होता है, तो संपूर्ण विश्व की व्यवस्था बिगड़ जायेगी। इन दोनों में सहयोग होना बहुत जरूरी है, वही एकात्म मानववाद कहलाता है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जालम सिंह पटेल ने पं. दीनदयाल उपाध्याय के विचारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह विचारधारा विश्व परिदृश्य में समतामूलक समाज की स्थापना तथा अंतिम व्यक्ति के कल्याण की संकल्पना को धरातल पर साकार करने वाली है। उन्होंने पं. दीनदयाल के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि अंत्योदय के विचार को साकार करने के लिए उपाध्याय जी ने आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना पर जोर दिया।
कार्यक्रम की प्रस्तावना जनअभियान परिषद के जिला समन्वयक जयनारायण शर्मा ने रखी। उन्होंने बताया कि जनअभियान परिषद द्वारा स्वामी विवेकानंद, डॉ. भीमराव अम्बेडकर, शंकराचार्य, महर्षि श्री अरविंद घोष और पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर जिलास्तरीय व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। उन्होंने पं. दीनदयाल के जीवन परिचय से अवगत कराया।
व्याख्यान कार्यक्रम में गणमान्य नागरिक, सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधि, मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व विकास पाठ्यक्रम के परामर्शदाता, छात्र- छात्रायें, नवांकुर एवं प्रस्फुटन समितियों के प्रतिनिधि मौजूद थे। कर्यक्रम का संचालन परिषद के विकासखंड समन्वयक प्रतीक दुबे व आभार समन्वयक चांवरपाठा धर्मेन्द्र चौहान ने किया।