वेगा होटल सील: अब नहीं चलेगा अस्पताल, आयुष्मान फर्जीवाड़ा की जांच जारी

जबलपुर, यशभारत। सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल द्वारा वेगा होटल में आयुष्मान योजना के कार्डधारी मरीजों को भतीज़् कर इलाज किए जाने के मामले में बड़ा फर्जीवड़ा उजागर हो सकता है। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीमें इस मामले की अलग-अलग जांच कर रही हैं। रविवार को स्वास्थ्य और जिला प्रशासन की टीम ने पहुंचकर वेगा होटल को सील कर दिया गया है। अब होटल में अस्पताल संचालित नहीं होगा। दूसरी ओर आयुष्मान फर्जीवाड़े की जांच में स्वास्थ्य विभाग की टीम जुटी है।
बेटे के लिए बनवाया था होटल
सेंट्रल किडनी हॉस्पिटल के संचालक अश्विनी पाठक ने बेटे के लिए होटल बनवाया था। लेकिन कोरोना के कारण पिछले तीन साल में होटल बंद हो गया। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में भी इसे अस्पताल की तरह उपयोग किया गया। हाल में इसके कमरों को तोड़कर हॉल बनाकर वार्ड में तब्दील कर दिया गया। स्वास्थ्य विभाग से इसकी अनुमति भी नहीं ली गई।
मरीजों से पूछताछ
पुलिस एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा वेगा होटल में भतीज़् मिले मरीजों से पूछताछ करते हुए अस्पताल में उनके इलाज की फाइल से बयानों को मिलाया गया। मरीजों के बयानों एवं अस्पताल की फाइल में लिखे इलाज के विवरण में भिन्नता पाई गई। जिस मरीज की फाइल में उल्टियां होने पर भतीज़् करने की बात अस्पताल की फाइल में लिखी गई थी, उस मरीज ने अपने बयान में बताया है कि उसे तो उल्टियां हुईं ही नहीं। इसी प्रकार एक अन्य मरीज की फाइल में उसे ड्रिप लगाने का लेख किया गया। जब टीम ने उस मरीज के बयान लिए तो उसने बताया कि उसे कोई ड्रिप नहीं लगाई गई। इस तरह अन्य मरीजों के बयानों एवं अस्पताल की फाइलों में भिन्नाता पाई गई, जो सीधे तौर पर अस्पताल प्रबंधन द्वारा किए जा रहे फजीवज़ड़े को इंगित करती है।
शुक्रवार शाम 7 बजे पुलिस ने राइट टाउन स्थित सेंट्रल किडनी हॉस्पिटल के पास मौजूद वेगा होटल में छापा मारा। पुलिस को सूचना मिली थी कि होटल में अस्पताल चलाया जा रहा है। यहां एएसपी गोपाल खांडेल, लालगंज थाना प्रभारी मधुर पटेरिया और आयुष्मान योजना के नोडल अधिकारी डॉ. धीरज गावंडे पहुंचे। यहां तीन मंजिला होटल को बकायदा अस्पताल का रूप दिया गया था। छापे के दौरान करीब 30 से ज्यादा मरीज भर्ती मिले। सभी सामान्य बीमारियों के मरीज थे।







