रक्षिका शौर्य शक्ति फाउंडेशन की पहल: महिलाओं को ई-रिक्शा की ट्रेर्निंग देगी रक्षिका वाहिनी
बालाघाट। परित्यक्ता, हिंसा से पीड़ित और जरूरतमंद युवतियों को रोजगार से जोड़ने की नई पहल को लेकर रक्षिका शौर्य फाउंडेशन ने एक अनूठी पहल की है, बालिका दिवस से निःशुल्क ई-रिक्शा का प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार से जोड़ने की प्रारंभ की गई मुहिम को कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा ने हरी झंडी दिखाकर प्रारंभ किया।
कलेक्ट्रेट कार्यालय में बालिका दिवस पर रक्षिका वाहिनी ई-रिक्शा प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा द्वारा किया गया। इस दौरान वन स्टॉप सेंटर प्रशासक रचना चौधरी, महिला एवं बाल विकास कार्यक्रम अधिकारी प्रशांत दीपसिंह चौहान, रक्षिका शौर्य शक्ति फाउंडेशन की अध्यक्ष श्रीमती जयश्री सोनवाने, कोषाध्यक्ष निर्मला कावड़े, सचिव सरोज बर्वे, सदस्य मीरा बिजेवार, पूर्णिमा उइके, दीक्षा शर्मा, रानु बिसेन, कमलेश्वरी वगारे, शीतल बघेले, डॉ. सविता पालेवार, वन स्टॉफ सेंटर स्टॉफ सहित ई-रिक्शा प्रशिक्षु गोल्डी हरिनखेड़े, पलक चौहान, रोमा गुप्ता, आशा नामदेव और स्वाती सहारे उपस्थित थी।
ई-रिक्शा प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत को एक सराहनीय पहले बताते हुए कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा ने कहा कि घरेलु हिंसा से पीड़ित और बालिका सुधार गृह की बच्चियां को एनजीओ के माध्यम से ई-रिक्शा प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। जो एक सराहनीय पहल है। इस दौरान जो भी आर्थिक मदद होगी, वह की जाएगी।
रक्षिका शौर्य शक्ति फाउंडेशन की अध्यक्ष जयश्री सोनवाने ने बताया कि रक्षिका वाहिनी के नाम से हिंसा से पीड़ित, आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं और युवतियों को रोजगार से जोड़ने की मंशा को लेकर ई-रिक्शा प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत बालिका दिवस से की गई है। 15 महिलाओं ने पंजीयन कराया है, लेकिन प्रारंभिक प्रशिक्षण में तीन युवतियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है, यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 15 दिनों का होगा। जिसके बाद हम प्रशिक्षित महिलाओं और युवतियों को शासन की योजना से जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए ई-रिक्शा दिलवाएगी, ताकि नगर में वह केवल महिलाओं के लिए ई-रिक्शा का संचालन कर अपना और परिवार का जीवनयापन कर सके।