ये 4 प्रकार की संपत्ति गलत तरीके से खाने वाले की सात पीढ़ियां भुगतती हैं परिणाम : विपिन बिहारी महाराज
दमोह। शहर के नरसिंह मंदिर के समीप राम जानकी मंदिर शाला परिसर में आठ दिवसीय शिव महापुराण कथा का आयोजन चल रहा है। कथा के तीसरे दिवस कथा वाचक पंडित विपिन बिहारी दास महाराज के द्वारा बताया की इन चार प्रकार की संपत्ति गलत तरीके से खाने वाले लोगों की सात पीढ़ियां को इसके बुरे परिणाम भुगतने होते हैं। इसलिए जीवन में कभी भी किसी का हिस्सा नहीं खाना चाहिए।
उन्होंने बताया की भाई का हिस्सा, मंदिर का हिस्सा, गौ माता का हिस्सा और विवाह का पैसा खाने वाले की दशा बहुत बुरी होती है। विस्तार पूर्वक उन्होंने बताया कि जो व्यक्ति अपने भाई के हिस्से को खाता है उन्हें इसके बड़े परिणाम भुगतने होते हैं। कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है कि जिसने अपने भाई का हिस्सा खाया हो और वह आज सुखी हो वह चैलेंज करते हैं कि यदि किसी ने ऐसा किया ही ओर वह आज सुखी हो तो वह कुछ भी हारने तैयार हैं। इसलिए कभी भी अपने भाई की संपत्ति का कोई भी हिस्सा नहीं खाना चाहिए।
दूसरा मंदिर का पैसा कभी नहीं खाना चाहिए। जिसने भी मंदिर का पैसा खाया है उसका परिणाम उसकी सात पीढ़ियों को भुगतना पड़ता है एक पीढ़ी तो ठीक है आने वाले सात पीढ़ियां इसके बुरे परिणाम भुगतती है इसलिए कभी भी मंदिर का पैसा नहीं खाना चाहिए। पूरी जिंदगी भीख मांगते हुए गुजारनी होगी। किसी और संपत्ति को खाने पर तो केवल आपको ही इसके परिणाम भुगतने होंगे, लेकिन यदि इन चार संपत्तियों को आपने खाया तो सात पीढ़ियां इसके परिणाम भुगतती है। तीसरा गौ माता के हिस्से का पैसा कभी नहीं खाना चाहिए। आज यह जो अनुदान पर सरकारी गौशाला संचालित हो रही है और लोग गौशाला में अनुदान के पैसे से सिर्फ अपनी जेब में भरते हैं। जिससे आज गाय सड़क पर मारी मारी फिर रही है। इसलिए कभी भी गाय के हिस्से का पैसा भी नहीं खाना चाहिए और चौथी संपत्ति है कन्या के विवाह की। कन्या के विवाह का कभी किसी को पैसा नहीं खाना चाहिए नहीं तो मौत बिल्कुल नजदीक खड़ी होगी। कन्या के विवाह में किसी भी प्रकार का पैसा या किसी प्रकार की दलाली नहीं करनी चाहिए क्योंकि कन्या का विवाह एक पुण्य का काम होता है। इसलिए इन चार प्रकार की संपत्तियों का कभी भी गलत उपयोग नहीं करना चाहिए।
बता दें सुबह से कथा स्थल पर पार्थिव शिवलिंग निर्माण भी चल रहा है जिसमें विद्वान पंडितों के द्वारा भगवान शिव का अभिषेक पूजन कराया जाता है और दोपहर में कथा व्यास के द्वारा श्रद्धालुओं को कथा सुनाई जा रही है। प्रतिदिन बड़ी संख्या में हजारों लोग कथा सुनने पंडाल में पहुंच रहे हैं।