यशभारत खास : 1971 में पहली बार नगर निगम कर्मचारियों ने स्थापना कराई मां जगदम्बे की, तबसे हर वर्ष कर्मचारी -अधिकारी भक्ति में रहते हैं लीन
कटनी। यशभारत हर रोज अपने पाठकों को नवरात्र पर शहर के वर्षों पुराने स्थापना स्थलों के इतिहास से परिचित करा रहा है। माता की एक से बढ़ एक मनोहारी प्रतिमाओं की स्थापना के साथ अनुपम साज सज्जा कर दर्शनथियो को अपनी ओर आकर्षित करने वाली टॉप 10 समितियों में से एक है नगर निगम कर्मचारी दुर्गा उत्सव समिति। इस समिति कार्यभार देख रहे राजस्व अधिकारी जागेश्वर पाठक ने बताया की कटनी नगरपालिका/नगरनिगम में माँ दुर्गा प्रतिमा स्थापना प्रथम बार -1971 में नगर निगम के बगल में स्थित के सी एस कन्या विद्यालय में कराई गई थी। सन 81 में नगर पालिका को नगर निगम का दर्जा राज्य शासन ने दिया। उसके बाद वर्ष 1981 से साधूराम उ. मा. विद्यालय में नगर निगम कर्मचारी दुर्गा उत्सव समिति के द्वारा नो देवियों की स्थापना कराई जाने लगी। और बाहर से आने बाली जनता को माता के दिव्य स्वरूपों के साथ मनोरंजन के लिए 1972 से लगातार 3 वर्ष तक मेलोडी मेकर्स नागपुर वॉइस ऑफ मैलोडी नागपुर, कादर आर्केस्ट्रा नागपुर,
योगेश ठक्कर नागपुर के धार्मिक के धार्मिक आयोजनों का सिलसिला चला। उस दौर में शहर में बहुत कम दुर्गा प्रतिमा स्थापित की जाती थी। 72 के दशक में समिति के प्रथम अध्यक्ष अभियंता नगरपालिका श्री सुरेश चंद्र श्रीवास्तव थे। उस समय नगर पालिका के अधिकारी कर्मचारियों में श्री के पी.एल. निगम,स्व.के एल पाठक,नर्मदा प्रसाद मिश्रा, अशोक गर्ग,मधुसूदन गौर, के के नायक,संतोष चोदहा,प्रकाश श्रीवास्तव, प्रदीप पाठक, दीपक पाठक,गोकुल खरे, भगवान दास गर्ग,बिहारी लाल जायसवाल,भूरे लाल दुबे, ,मुन्ना बिलैया, भटनागर जी,आनद मोहन बक्शी,जागीर सिंह,सुभाष चोदहा, कोमलचन्द जैन, के.के.शुक्ला,सहित अन्य अधिकारी कर्मचारियों ने मिल कर प्रथम बार स्थानीय केसीएस कन्या विद्यालय प्रांगण में दशहरा नवरात्र की पंचमी को भव्य पूजा पंडाल बना कर नो देवियों की स्थापना बड़े धूम धाम से कराई थी। निगम के अधिकारियों में ख़ासकर आयुक्त राम जी सिंह, आरपी सिंह ,गहरवार जी, गोयल जी आर पी सिंह,एजाज खान,टीएस कुमरे,सतेंद्र धाकरे, विनोद शुक्ला,जैसे आयुक्त भी दुर्गा पूजा में बढ़चढ़ कर सहयोग प्रदान करते थे। फिर नगर सरकार बनी तो सभी महापौर पार्षदों ने सहयोग किया जो आज भी जारी है अभी निगम के नवगता आयुक्त नीलेश दुबे, महापौर प्रीति संजीव सुरी, निगम अध्यक्ष,
सहित निगम उपयुक्त पवन अहिरवार,गणेश विचपुरिया, सुधीर मिश्रा, सुरेश राजपूत,नागेंद्र पटेल, आलोक तिवारी,विजय गर्ग,पारस प्रजापति,पप्पू पंडित,संजय चोदहा, शनिज रजक,प्रकाश पांडे, राम उपाध्याय ,प्रमोद खरे,राकेश तिवारी, सुधीर खरे निगम राजस्व की टीम सहित सभी अधिकारियों कर्मचारियों के का सहयोग निरंतर बना हुआ है।
जागेश्वर पाठक बताते है। यहाँ आयोजित होने बाले धार्मिक कार्यक्रमों के चलते ख्याति दूर दूर तक फैल चुकी थी। यही कारण था साधुराम स्कूल में विराजी नो देवियों के दर्शन करने लोग बड़ी संख्या में आज भी आते है। उस समय यहाँ की सभी मूर्तिया इलाहाबाद के मूर्तिकारों से बनवाई जाती थी जिसमे ज्यादा काम कागज का होता था जो वजन में हल्की होती थी यही मूर्तियां ट्रेन के माध्यम से कटनी लाई जाती थी । इधर का लाइट डेकोरेशन शुरू से ही अजय सरावगी टेंट हाउस कटनी से कराया जाता था। जो आज भी जारी है । कैलाश माली द्वारा फूलों की विशेष साज सज्जा से माता के दरवार सजाया जाता हैअब कटनी में भी अच्छे मूर्तिकार दुर्गा प्रतिमा का निर्माण कर रहे है तो माता की प्रतिमा यही से मंगाई जाती हैं। पंचमी की जगह सत्तमी को माता के नो
स्वरूपों में शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री की स्थापना कराई जाती हैं विगत 53 सालो का उत्साह आज भी कायम है आज नवरात्र की सत्तमी है और आज माता के नो स्वरूपों की स्थापना पूरे विधि विधान से कराई जा रही हैं। जिसमे पूरे नगर निगम परिवार का अभूतपूर्व सहयोग है। दशहरे के दिन हवन पूजन कन्या भोज भंडारा होगा।