मिलिंग के लिए जा रही धान की खुलेआम चोरी, भदौरा वेयरहाऊस से लमतरा जा रहे ट्रकों को मझगवां के पास रोककर हर ट्रक से उतारी जा रही धान की बोरियां
स्लीमनाबाद से भी मिल रही शिकायतें, बड़वारा पुलिस का खुला संरक्षण

कटनी, यशभारत। बड़वारा के मझगवां ओपन कैप से कुछ साल पहले 18 हजार क्विंटल धान की चोरी के मामले की जांच चल ही रही थी कि अब वेयर हाऊसों से मिलिंग के लिए ट्रकों में भरकर जा रही धान की खुलेआम चोरी किए जाने का मामला सामने आया है। हर दिन हजारों क्विंटल धान की चोरी की जा रही है। बड़वारा के भदौरा स्थित वेयर हाऊस और स्लीमनाबाद के कई वेयर हाऊस से मिलिंग के जब धान लोड ट्रक निकलते हैं तो रास्ते में कतिपय लोग ट्रकों को रोककर तिरपाल खोलकर कुछ बोरियां नीचे गिराकर झाडिय़ों में छिपा देते हैं और बाद में पिकअप और अन्य वाहनों में भरकर बाजार में बेच देते हैं। इस तरह हर दिन लाखों रूपए की धान चुराई जा रही है लेकिन इस ओर न तो बड़वारा पुलिस का ध्यान है और न ही संबंधित विभाग के अधिकारियों का। इस मामले को लेकर राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों से बात की गई तो उनका कहना था कि निगम द्वारा धान का तौल कराकर मिलर्स को दी जाती है। अब यदि रास्ते में धान की चोरी हो रही है तो इसकी जिम्मेदारी मिलर्स और ट्रांसपोर्टर्स की है, जबकि वेयर हाऊस कार्पोरेशन के प्रबंधक का कहना था कि धान की यदि चोरी हो रही है तो यह परिवहनकर्ता की जिम्मेदारी है। सूत्रों के मुताबिक इस पूरे मामले में बड़वारा पुलिस थाने में पदस्थ एक अधिकारी का खुला संरक्षण है।
जिले भर में किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान की कतिपय बिचौलियों द्वारा लगातार चोरी किये जाने की खबरें सामने आ रही है। खबर के मुताबिक समर्थन मूल्य से खरीदी गई धान को वेयर हाउस में संग्र्रहित कराया जा जाता है। फिर यही धान को मिलर्स को मिलिंग के लिए भेजा जाता है। मिलिंग के परिवहन के दौरान धान की चोरी के लिए चोरों का एक बड़ा रैकेट सक्रिय है। सूत्रों के मुताबिक मां शारदा वेयर हाऊस भदौरा से लमतरा स्थित मिलर्स के गोदाम मिलिंग के लिए धान को ट्रकों से भेजा जा रहा है। ट्रक में लोड धान के बोरे मझगवां गांव के समीप झाडिय़ों के बीच गिराये जाते है, फिर यही बोरे स्थानीय बिचौलियों द्वारा उठाकर अन्यत्र स्थान में जमाकर निजी पिकअप वाहन में लोडकर मंडी में बेचा जा रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि वेयर हाउस से 700 बोरे धान भरकर निकले ट्रक को मझगवां गांव के पास रोककर प्रत्येक ट्रक से तीन-चार बोरियों को ठीहे पर उतारा जा रहा है। यह सिलिसला देर रात तक चलता रहता है।
पुलिस को जानकारी, लेकिन कार्यवाही नहीं
सूत्रों के मुताबिक धान की चोरी की जानकारी बड़वारा पुलिस तक पहुंचती है लेकिन जब धान की चोरी को पुलिस का संरक्षण है तो फिर कार्यवाही कैसे होगी। ग्रामीणों ने बताय कि सोमवार को शाम 4 बजे वेयर हाउस से ट्रक से 700 बोरी धान निकली थी। शाम करीब 6 बजे कटनी-बरही मार्ग पर मझगवां के पास ट्रक को रोककर 4 बोरी धान को ट्रक चालक द्वारा उतार दिया गया, जिसकी जानकारी ग्रामीणों द्वारा संबंधित विभाग व बड़वारा पुलिस को भी दी गई। ग्रामीणों के मुताबिक अधिकारियों को बताया गया की मझगवां से बरही मार्ग पर कुछ फर्लांग दूर सडक़ किनारे धान के कुछ बोरे पड़े हुए हैं, जिसमे बकायदा वेयर हाउस का नाम व किस मिलर के पास भेजी जा रही हैं, उसमे विवरण पर्ची लगी हुई हैं, फिर एक पिकअप वाहन द्वारा बोरे को गांव में एक स्थान पर ले जाया गया। प्रत्यदर्शियों द्वारा यह देखा गया और उसका पूरा वीडियो भी बनाया गया, लेकिन इसके बाद भी कार्यवाही नहीं हुई।
■ लाखों का मुनाफा कमाया जा रहा
ग्रामीणों ने बताया कि यह सिलसिला पिछले कई दिनों से चला आ रहा है। यह भी बताया गया है कि यह पूरा काम मझगवां निवासी एक व्यक्ति के इशारे पर हो रहा है। चोरी की नीयत से बोरियों को ट्रक से उतारकर लाखों का मुनाफा कमाया जा रहा है। बताया जाता है कि वेयर हाउस से मझगवां तक की दूरी करीब 3 किलोमीटर है। इसी दूरी का फायदा परिवहन से जुड़े लोग उठाते हैं। सूत्र कहते है कि एसडब्लूसी के कर्मचारियों की मिलीभगत से हर साल वेयरहाउस से इसी तरह करोड़ों रूपये की धान चोरी कराई जा रही है। इनकी सेटिंग धर्मकांटे में भी होती हैं, जिसकी तोल मनमाफिक रहती है, जिसमे जमा कराने की तोल व डिलेवरी की तोल में बड़ा अंतर रहता हैं। ये गोरखधंधा लंबे अरसे से चल रहा हैं। इस पूरे खेल से मिलर्स को नुकसान हो रहा है, क्योंकि धान में आए शार्टेज को उन्हें भरना पड़ता है।
■ धान की सूखत में होता है खेल
मिलर्स बताते हैं कि स्थानीय स्तर पर की गई धर्मकांटे के तौल पर्ची को मान्यता नहीं दी जाती है। कई बार तो यहां से लोड हुई धान वाहन में भरे धान की मात्रा संग्रहन केंद्र पहुंचने के बाद 3 से 5 क्विंटल की सूखत दिखाती है। आखिर 8 घण्टे के परिवहन में मात्रा इतना घट कैसे जाता है, समझ से परे है। प्रकरण में अब तक चोरों का सुराग नहीं लग सका है, इसमे बाद से परिवहन के लिये तगड़े नियम बनाए गए। बावजूद इसके सेंधमारी सिस्टम पर सवाल खड़ा कर दिया है। बोरों की संख्या निर्धारित होती है। संग्रहण केंद्र में अनलोड भी खरीदी केंद्र से लोड आंकड़े के आधार पर होती है।
■क्या कहते हैं मिलर्स
इस सबंध में यशभारत ने जब मिलर्स से बात की तो उन्होंने बताया कि ये खेल पूरे जिले भर में चल रहा है। वेयर हाउस से लोड ट्रकों से मिलर्स के पास भेजी जा रही धान को विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से बीच रास्ते में ट्रक रोककर करोड़ों की धान चोरी कराई जा रही है। इसके एवज में ट्रक चालकों, परिवाहनकर्ताओं, अधिकारियों सहित पुलिस को भी हिस्सा दिया जाता है। इससे मिलर्स का नुकसान हो रहा है। हर गाड़ी में 4 से 6 बोरे का नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिले के पीरबाबा, लमतरा, मझगवां, स्लीमनाबाद, बरही में स्थित वेयर हाऊस से ये खेल निरंतर जारी है।
■ इनका कहना है
– धान की चोरी गंभीर मामला है। संबंधित अधिकारियों को मौके पर भेजकर पूरे मामले की जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर कार्यवाही की जाएगी।
-दिलीप कुमार यादव, कलेक्टर
■ – ये बात सही है कि वेयर हाऊस से मिलिंग के लिए जा रही धान की चोरी की जा रही है लेकिन इसकी जिम्मेदारी मिलर्स और ट्रांसपोर्टस की है। हमारा काम धान की तौल कराकर मिलर्स को देना है, इसके बाद यदि धान की चोरी हो रही है तो मिलर्स और ट्रांसपोर्टस को शिकायत करना चाहिए।
-के एल शर्मा, प्रबंधक
■ मध्यप्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड
-वेयरहाउस से धर्मकांटा की तौल के बाद ट्रक गोदाम से बाहर जाता है, इसके बाद मिलर्स व परिवहनकर्ता की जबाबदारी है कि धान प्रॉपर मिलर्स के पास पहुंच रही है या नहीं। हमने तो जितना माल तोल में दिया है, उतना चावल तो मिलर्स को जमा करना ही पड़ेगा। धान रास्ते में चोरी हो रही है। इसमे गड़बड़ी की जानकारी तो लगी है। इस संबंध में जांच कराई जाएगी।
वाय एस सेंगर, प्रबंधक
एमपी वेयर हाऊस कार्पोरेशन

