महंगाई का तड़का : टमाटर लाल होने के साथ रुला रही प्याज, हरी सब्जियों के भाव सातवें आसमान पर
तेंदूखेड़ा यशभारत। इन दिनों हरी सब्जियों के भाव काफी ज्यादा होने के कारण आम आदमी से दूर होती नजर आ रही है गर्मियों के समय जिन सब्जियों के दाम काफी कम हुआ करते थे आज वह सातवें आसमान पर जा बैठे हैं। इससे आम मजदूर वर्ग से हरी सब्जियां दूर दूर नजर आ रही है। हरि सब्जियां महंगी होने के पीछे कृषकों को मानना यह है कि अधिक गर्मी के कारण पैदावार ना होना और अनूकूल माहौल ना मिलना माना जा रहा है।
गर्मी के समय जो प्याज काफी सस्ती हुआ करती थी।चार सौ रुपए से लेकर पांच सौ रुपए में जो गट्टी मिल जाया करती थी वह अब 1600 से 1800 रुपए में थोक मिल रही है।लोग बरसात के महीने में इक_ा खरीद लिया करते थे।अब फुटकर में 60 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई है। इसका एक और कारण यह बना हुआ है कि आवक के कुछ समय पूर्व ही अचानक पानी गिर जाने से अधिकांश प्याज खराब हो गई है।बाहर दूसरे जिलों से प्याज आ रही है।यही हाल टमाटर का बना हुआ है। टमाटर दूसरे प्रांतों से आ रहा है। चूंकि इसके पूर्व भी यह 200 रुपए किलो तक पहुंच गया था।अब टमाटर 60रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है।आलू 50 रुपए प्रति किलो के साथ साथ भिंडी 60 भटा 60बरबटी 80 रुपये किलो लौकी 40रूपये नग गिलकी और शिमला एक रेट 80 रुपये किलो मिर्ची 100 रुपए और धनिया 200 रुपये किलो परमल 100 किलो तक बिक रहा है।
2 से 3 रुपए प्रति नग नींबू।कठहल 40 रुपये के हिसाब से बिक रहा है। लोगों का कहना है कि अभी तो शादियां प्रारंभ नहीं हुई यदि शादी विवाह और होते तो सब्जियां और भी महंगी हो सकती थीं। आने वाले जुलाई के माह में मांग के हिसाब से इनके रेट बढऩे की अशंका बनीं हुई है। तेंदूखेड़ा में सागर और होशंगाबाद जिले से अधिकांश सब्जी आया करती है।जिस सप्ताह किसान कम सब्जी लेकर आते हैं उस सप्ताह और अधिक दाम बढ़ जातें हैं। वैसे भी तेंदूखेड़ा का सब्जी बाजार अब 50 प्रतिशत ही रह गया है। राजमार्ग तरफ का बाजार दिनों दिन सब्जी बाजार के रुप में बढ़ रहा है।