भाजपा : बनने थे 4 लाख मेंबर, 2 लाख में ही फूल गई सांस, अब ऑफलाइन में मशक्कत
आज से शुरू होना थी सक्रिय सदस्यता लेकिन प्रदेश कार्यालय से नहीं भेजी गईं बहियां, कई गांवों में नेटवर्क की समस्या से नहीं हो पाई ऑनलाइन सदस्यता, बड़वारा सबसे फिसड्डी
कटनी। तमाम कोशिशों के बाद भी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के इलाके में पार्टी सदस्यता अभियान में अपने लक्ष्य को पूरा करती नहीं दिख रही। कल मंगलवार को सदस्यता अभियान का दूसरा चरण समाप्त होने के बाद जो आंकड़ा निकलकर आया है, उसके मुताबिक पार्टी जिले के लिए निर्धारित लक्ष्य का आधा ही पूरा कर पाई। चारों विधानसभा क्षेत्र मिलाकर 4 लाख सदस्य बनाए जाने थे, लेकिन पूरी ताकत लगा देने और सारे तरीके अपनाने के बावजूद 2 लाख का आंकड़ा ही पार हो पाया। सूत्र बताते हैं कि लक्ष्य पूरा न हो पाने के कारण अभी 4-5 दिन और अभियान सदस्यता बहियों के बहाने खिंच सकता है। सक्रिय सदस्यता की कवायद आज 16 अक्टूबर से शुरू होना थी लेकिन अब तक प्रदेश कार्यालय से बहियां ही नहीं भेजी गई। बहियां आने के बाद ही इस दिशा में काम शुरू हो पाएगा।
सूत्र बताते हैं कि अभियान के दोनों चरणों में मिस्डकॉल के जरिए सदस्य बनाए गए, लेकिन ऐसे क्षेत्रों में सदस्य बनाने का काम पिछड़ गया जहां मोबाइल पर प्रोपर नेटवर्क नहीं मिलता। ऐसे क्षेत्रों में मिस्डकॉल के बाद सदस्यता की पूरी प्रोसेस नहीं हो पाई। जिले के बड़वारा विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा ऐसी स्थितियां सामने आई। यहां के कई गांव नेटवर्क की समस्या से जूझ रहे है, लिहाजा यहां मोबाइल के जरिए सदस्यता पूरी करने के बजाय मंडल अध्यक्षों और बूथ के कार्यकर्ताओं को बहियां जारी कर दी गई ताकि वे ऑफलाइन सदस्यता करा सकें। बड़वारा के अलावा जिले में कुछ और भी इलाके हैं जहां ऑनलाइन की बजाय पार्टी को ऑफलाइन सदस्यता पर डिपेंड होना पड़ा। सूत्रों का कहना है कि विधायकों ने भी अपने स्तर पर ऑफलाइन सदस्यता के लिए 25-25 की बहियां ली थी, वे भी अभी जमा होना बाकी है। अलावा इसके पार्टी के जो वरिष्ठ नेता है और जिन्होंने मोबाइल पर प्रोसेस नहीं की है, उन्हें भी ऑफलाइन सदस्यता दी जा रही है तथा बहियां भरकर उनका कोटा पूरा किया जा रहा है। केंद्र की गाइड लाइन के मुताबिक सक्रिय सदस्य बनने के लिए किसी भी कार्यकर्ता को 50 सदस्य बनाना अनिवार्य है लेकिन एमपी में इसे 100 कर दिया गया है ताकि सदस्यता का लक्ष्य हासिल किया जा सके। सूत्रों ने बताया कि बहियां जमा होने के संगठन एप पर उसकी फीडिंग होगी, इस काम में अभी 3-4 दिनों का समय लग सकता है। इसके साथ ही मोबाइल की सदस्यता से बने मेंबर्स को लेकर अगर कोई आपत्ति आ रही है तो 4 नवंबर तक उसका भी निराकरण हो जाएगा। इसके बाद 5 नवंबर को सदस्यता सूची पार्टी एप में अपलोड हो सकती है। सक्रिय सदस्यता का काम संभवतः 18 या 19 अक्टूबर से ही जोर पकड़ पाएगा। 31 अक्टूबर तक सक्रिय सदस्य बनाए जाने हैं। गौरतलब है कि पार्टी ने सदस्यता अभियान के फौरन बाद संगठन के चुनाव का कार्यक्रम घोषित कर दिया है। केंद्रीय स्तर पर चुनाव अधिकारी बनाए भी जा चुके है। पहले मंडल, फिर जिला, फिर प्रदेश तथा बाद में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा।
उदासीनता से पिछड़ा लक्ष्य
4 लाख सदस्य बनाने के लक्ष्य के साथ सदस्यता अभियान का आगाज करने वाली पार्टी दोनों चरणों में आधा टारगेट ही पूरा कर पाई। कल तक 2 लाख का आंकड़ा ही पार हो पाया था। भाजपा सूत्रों के मुताबिक विधायकों को अपने अपने क्षेत्रों में 1 मेंबर बनाने थे, लेकिन किसी भी विधानसभा क्षेत्र में यह आंकड़ा पूरा नहीं हो सका। बड़वारा तो इसमें सबसे फिसड्डी साबित हुआ, जहां पार्टी सबसे ज्यादा वोटों से विधानसभा चुनाव जीती थी। सूत्रों का कहना है जिले भर में इस बार कार्यकर्ताओं ने सदस्यता अभियान में अपनी ओर से रुचि नहीं ली, केवल दिखावे के तौर पर अपने अपने हिस्से के 100 मेंबर बनकर इतिश्री कर ली गई। इसी वजह से पार्टी अपने लक्ष्य को पूरा नहीं कर सकी। उल्लेखनीय है कि अभियान को गति देने खुद वीडी शर्मा कई बार आए, इसके अलावा मुख्यमंत्री मोहन यादव को भी कटनी लाकर कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने की कोशिश की गई लेकिन इस बार जिला संगठन के संचालन के तौर तरीकों से नाराज कार्यकर्ता ने मैदान में पसीना नहीं बहाया।