बिजली का बिल हो जाएगा महंगा: उपभोक्ताओं पर बढ़ेगा लोड

• ज्वाइंट वेंचर योजना को लेकर कर्मियों में भारी रोष
जबलपुर यश भारत| ज्वाइंट वेंचर को लेकर विद्युत विभाग के कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है जिसके चलते कर्मियों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर भी अवगत कराया है कि ज्वाइंट वेंचर से प्रदेश में बिजली के दामों में इजाफा होगा जिसके चलते बिजली उपभोक्ताओं पर इसका लोड बढ़ेगा साथ ही यह सरकार के साथ ही साथ बिजली विभाग के कर्मचारियों के लिए भी घातक है सरकार ने यदि अपना निर्णय नहीं बदला तो सभी कर्मचारी आंदोलन पर चले जाएंगे|
अमरकंटक ताप विद्युत गृह में ज्वाइंट वेंचर के सम्बन्ध में अभियंता संघ द्वारा उठाये गए गंभीर बिन्दुओं के बाद उत्पादन कंपनी प्रबंधन द्वारा भी यह माना जा रहा है कि ज्वाइंट-वेंचर जनता एवं विद्युत परिवार के लिए हानिकारक है इसके बाद अभियंता संघ ने मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखा हैं।
मध्य प्रदेश विद्युत मण्डल अभियंता संघ के महासचिव विकास शुक्ला ने बताया है कि संघ प्रदेश हित, उपभोक्ता हित और विद्युत कर्मियों के हितों के संरक्षण हेतु ज्वाइंट वेंचर के विरोध मे कई माह से संघर्षरत है, मध्य प्रदेश के ऊर्जा विभाग की उत्तरवर्ती कंपनी मध्य-प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा अमरकंटक ताप विद्युत गृह में सेवनिवृत हो चुकी इकाई के स्थान पे नवीन इकाई कि स्थापना हेतु मेसर्स एस.ई.सी.एल. के साथ ज्वाइंट वेंचर के माध्यम से नवीन कंपनी का गठन किया जा रहा है, जिसके गंभीर परिणामों के सम्बन्ध में पूर्व में भी अभियंता संघ द्वारा विभिन्न पत्रों के माध्यम से प्रबंधन एवं प्रशासन को अवगत कराया गया था। मध्य-प्रदेश उत्पादन कंपनी के प्रबंधन ने अपना जवाब ऊर्जा विभाग को दिया है जिसमे उत्पादन कंपनी के प्रबंधन द्वारा अभियंता संघ की प्रस्तुति में उठाए गए बिन्दुओं को विश्लेषण के बाद स्वीकार किया गया गया है, फिर भी ऊर्जा विभाग की हठधर्मिता के कारण लगातार लिखित अभियंता संघ को दिए गए आस्वासन के बावजूद ज्वाइंट वेंचर की प्रक्रिया की जा रही है
संघ महासचिव ने पत्र मे लिखा है कि ज्वाइंट वेंचर के माध्यम से इकाई लगाने पर मध्य प्रदेश को रु 133 करोड़ प्रति वर्ष GoMP पे अतरिक्त वित्तीय भार, मध्य प्रदेश कि जनता को प्रति यूनिट महंगी बिजली, कर्मचारियों के पदोन्नति के रास्ते बंद हो जायेगे तथा विभिन्न अन्य तकनिकी खामियां, आएगी , जिसका नुकसान मध्य प्रदेश शासन को उठान पड़ेगा ।
यहाँ यह भी उल्लेखित करना उचित होगा की जहां एक ओर म.प्र. से ही अलग हुए पडोसी राज्य छतीसगढ़ में हाल ही मे नवीन इकाइयों की स्थापना; छत्तीसगढ़ सरकार के पूर्ण स्वामित्व में करने हेतु भूमि पूजन किया गया है, जबकि छत्तीसगढ़ की विद्युत उत्पादन क्षमता वर्तमान में उनकी कुल विद्युत मांग के लगभग 90% है, वहीँ दूसरी ओर म.प्र. की उत्पादन क्षमता प्रदेश कि विद्युत मांग के सन्दर्भ में 30% से भी कम रह गयी है एवं आने वाले समय में यह मात्र 20-22% रह जाएगी एवं प्रदेश की निर्भरता निजी घरानों पे बढती जाएगी
अभियंता संघ महासचिव ने मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री से प्रदेश हित, उपभोक्ता हित और विद्युत कर्मियों के हित मे निर्णय लेने हेतु अनुरोध किया है, कि विद्युत कार्मिकों में भारी रोष को देखते हुए ज्वाइंट वेंचर की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए, नहीं तो विद्युत कर्मी आंदोलन करेंगे |