बड़ी खबर – जीआईएफ(ओएफजे)के डीजीएम के घर सीबीआई का छापा, अंबाझरी में रहे ,रिश्तेदार को ठेका दिलाने का आरोप, दस्तावेज जप्त

जबलपुर यशभारत।आयुध निर्माणियों विशेष रूप से जीआईएफ में उस समय हड़कंप मच गया।जब खबर लगी कि जीआईएफ में पदस्थ एक उप महाप्रबंधक के आवास पर सीबीआई ने दबिश दी।सूत्रों के अनुसार उनके आवास से सीबीआई ने महत्वपूर्ण कागजात जप्त किए हैं।जो ठेका दिलाने से जुड़े हैं।
बताया जाता है कि सीबीआई ने आयुध निर्माणी (अंबाझरी)नागपुर के पूर्व उपमहाप्रबंधक श्रीराम दीपक लांबा के खिलाफ मामला दर्ज किया है।मिली जानकारी के अनुसार यह मामला नागपुर स्थित यंत्र इंडिया लिमिटेड (वाई आई एल) के उप मुख्य सतर्कता अधिकारी डी के ही गुप्ता की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया है. गुप्ता की शिकायत के अनुसार लांबा ने एक निजी फर्म को लाभ पहुंचाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया। इस फर्म को लांबा के एक रिश्तेदार ने बनाया था
फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके इस फर्म को टेंडर दिए गए।बताया जाता है कि लांबा ने अपने चचेरे भाई मोहित कालिया के नाम पर ऑटोमेशन इजीनियनिंग एंड इंडस्ट्रियल सर्विसेज नामक फर्म बनाई । उस समय लांबा आयुध निर्माणी अंबाझरी के उप महाप्रबंधक के रूप में कार्यरत थे। लांबा ने फर्जी अनुभव प्रमाणपत्रों के आधार पर कालिया की फर्म को ठेके दिलाए थे।
सीबीआई की जांच में फर्म के बैंक खातों और लांबा तथा उनके परिवार के सदस्य जिनमें भाई, पत्नी, बहन और भी शामिल है, के बीच कई संदिग्ध वित्तीय लेन देन का खुलासा हुआ है।
इसके आधार पर सीबीआई ने लांबा और उनके परिजनों के कार्यालय तथा निवास सहित चार स्थानों पर तलाशी ली। तलाशी के दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल सबूत बरामद किए गए। सीबीआई को जांच में आयुध निर्माणी के अन्य अधिकारी और बाहरी लोगों की संलिप्तता होने का संदेह है। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा आपराधिक साजिश के लिए 120 (बी), धोखाधड़ी के लिए 420, जालसाजी और जाली दस्ताचेत्रों के इस्तेमाल के लिए 468 और शामिल है। सीबीआई द्वाराभारतीय न्याय संहिता(बीएनएस)2023 के तहत धारा 61 (2) 308 (4) 336 00 और 340 (2) भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया है.







