प्रदेश के श्रमिकों को अगले माह से मिलेगी 25 प्रतिशत अधिक मजदूरी

भोपाल। सरकार ने अगले माह 1 अप्रैल से समस्त औद्योगिक एवं असंगठित श्रमिकों को 25 प्रतिशत अधिक मजदूरी देने का आदेश जारी किया है। उक्त निर्णय के तहत सभी औद्योगिक एवं असंगठित क्षेत्र से जुड़े ट्रेंड-अनट्रेंड सभी श्रमिकों के मेहनताने में 1 अप्रैल 2024 से बढ़ोतरी की जाएगी। वर्ष 2014 के पश्चात प्रदेश में पहली बार मजदूरों का वेज रिवीजन किया गया है। नियमानुसार हर 5 वर्ष में वेज रिवीजन होना चाहिए।
मिलेगी महंगाई भत्ता जोड़कर न्यूनतम वेतन श्रम विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार श्रमिकों को देय प्रचलित न्यूनतम वेतन की दरों में 25 प्रतिशत की वृद्धि और जनवरी से जून 2019 के औसत अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर दिनांक 1 अक्टूबर 2019 से देय परिवर्तनशील महंगाई भत्ते को न्यूनतम वेतन में जोड़कर नई न्यूनतम वेतन दरें निर्धारित की गई हैं। यह अखिल भारतीय उपभोक्तार मूल्य सूचकांक 311 पर आधारित कर संबंद्ध की गई है। नई न्यूनतम वेतन दरों के प्रभावशील होने पर अकुशल श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 9 हजार 575 रुपए प्रतिमाह हो जाएगा।
इसी तरह अद्र्धकुशल श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 10 हजार 571 रुपए प्रतिमाह होगा। कुशल श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 12294 जबकि उच्च कुशल श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 13919 रुपए प्रतिमाह हो जाएगा। श्रमिकों की वेतन दरें लेबर ब्यूरो शिमला द्वारा निर्मित औद्योगिक श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्तार मूल्य सूचकांक जनवरी 2019 से जून 2019 के आंकड़ों के औसत पर आधारित है।
कृषि श्रमिकों को मिलेंगे अब हर माह 7660 रुपए कृषि श्रमिकों को देय प्रचलित न्यूनतम वेतन की दरों में 25 प्रतिशत की वृद्धि तथा लेबर ब्यूरो शिमला द्वारा निर्मित अखिल भारतीय कृषि श्रमिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के औसत के आधार पर 1 अक्टूबर 2019 से देय परिवर्तनशील महंगाई भत्ते को न्यूनतम वेतन में जोड़कर नई न्यूनतम वेतन दरें निर्धारित की गई है। नई न्यूनतम वेतन दरों के प्रभावशील होने पर कृषि श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 7660 रुपए प्रतिमाह हो जाएगा।
इसी प्रकार बीड़ी श्रमिकों एवं अगरबत्ती श्रमिकों के वेतन में भी देय प्रचलित न्यूनतम वेतन की दरों में 25 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। न्यूनतम वेतन की दरें किसी भी श्रमिक पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालेंगी। अगर वर्तमान वेतन की दरें संशोधन दरों से अधिक है तो वह किसी भी दशा में कम नहीं की जाएंगी,जब तक की न्यूनतम वेतन की दरें उसके समकक्ष नहीं हो जाती हैं।






