पं-लज्जा शंकर झा स्कूल का टीचर बना जल्लादः दो बच्चों को बुरी तरह से पीटा, पूरे शरीर में निशान बने
जबलपुर, यशभारत। पं-लज्जा शंकर झा उत्कृष्ट विद्यालय के ,क शिक्षक ने दो बच्चों के साथ जल्लादों जैसा बर्ताव किया। डंडे से दोनों बच्चों को तब तक पीटा गया जब तक कि उनके पीठ में चोट के निशान नहीं आ गए,। इस घटना का खुलासा उस वक्त हुआ जब पैरेंटस विक्टोरिया अस्पताल पहंुचे और डाॅक्टरों को टीचर द्वारा किये कृत्य की जानकारी दी।
अभिभावक उमाशंकर मेहरा ने बताया कि उसके दो बच्चे पं-लज्जा शंकर झा माॅडल स्कूल में 10वीं कक्षा के छात्र है। सोमवार को स्कूल से घर लौटे बच्चों ने बताया कि वेवजह बात पर मैथ्यस टीचर नवनीत नरौलिया ने डंडों से पिटाई की। बच्चों के बताने पर शर्ट उताकर देखा तो पूरे पीठ में चोट के निशान थे।
डंडा टूटते तक बच्चों को पीटा गयाः पिता
अभिभावक उमाशंकर मेहरा ने बताया कि गलती नहीं होने के बाबजूद दोनों बच्चों को बुरी तरह से पीटा गया। बच्चों ने बताया कि डंडे से तब तक पीटा गया जब तक वह टूट नहीं गया। उमाशंकर का आरोप है कि इससे पहले भी बच्चों को शिक्षक द्वारा पीटा गया था।
प्राचार्य से शिकायत करने पहंुचे तो गायब मिले
अभिभावक उमाशंकर मेहरा ने बताया कि घटना की शिकायत के बारे में जब स्कूल पहंुचकर प्राचार्य को बताना चाहा लेकिन प्राचार्य स्कूल से गायब थे। स्कूल स्टाफ से पूछा गया तो किसी ने भी प्राचार्य की सही जानकारी नहीं दी।
अतिरिक्त कक्षा में पीटा गया
अभिभावक उमाशंकर मेहरा ने बताया कि उनके जुड़वा बच्चे अबीर मेहरा और कबीर मेहरा हैं। ये दोनों ही मॉडल स्कूल में कक्षा 10वीं में पढ़ते हैं। विगत तीन जनवरी को अतिरिक्त कक्षाएं लगीं। इस दौरान गणित के शिक्षक नवनीत नरोलिया ने किसी गलती के लिए उनके बच्चों को डंडे से पीटा। बच्चे घर आए तो रोने लगे। उनके रोने का कारण पूछा गया तो उन्होंने डंडे से पिटाई होने की जानकारी दी। उनकी पीठ पर भी चोट के निशान साफ दिखाई दे रहे थे। उमाशंकर मेहरा उस वक्त आफिस में थे जिन्हें फोन पर उनकी पत्नी से सारी जानकारी दी। उन्होंने फौरन प्राचार्य मुकेश तिवारी से इस संबंध में शिकायत की। उमाशंकर ने बताया कि प्राचार्य ने कहा कि वो बाहर हैं इसलिए पांच जनवरी को उनसे स्कूल में मिलें। उनका आरोप है कि कक्षा में सिर्फ उनके बच्चों के साथ ही नहीं अन्य बच्चों की भी पिटाई की गई है। उन्होंने कहा कि कुछ वक्त पहले नवनीत नरोलिया ने उनसे बच्चों की शिकायत करते हुए कहा था कि ये पढ़ाई में कमजोर हैं। 10वीं बोर्ड की परीक्षा ऐसे में पास नहीं कर पाएंगे। उमाशंकर का दावा है शिक्षक बच्चों को अपनी निजी कोचिंग में भेजने का अप्रत्यक्ष रूप से दबाव बना रहे थे। पीडि़त अभिभावक ने दोनों बेटों की मेडिकल अस्पताल में एमएलसी कराई है और संबंधित शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।