जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

नगर निगम परेशानी में, आवारा जानवरों को पकड़ने के बाद छोड़ रहाः 4 कांजी हाउस, 3 ही चालू

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जबलपुर यशभारत। रांझी-घमापुर स्मार्ट रोड सहित शहर की भीड़-भाड़ वाली व्यस्ततम सड़कों पर एक बार फिर बेसहारा और पालतू मवेशी धमाचैकड़ी मचाने लगे हैं। शहर में तकरीबन चार हजार मवेशी अब भी खुला घूम रहे हैं। स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 के तहत सर्वेक्षण टीम के आने के पहले नगर निगम ने सड़क में विचरण कर रहे मवेशियों को पकड़-पकड़ कर कांजी हाउस पहुंचाया था। कांजी हाउस फुल हो जाने पर अधिकांश को आस-पास खुले क्षेत्रों में छुड़वाया गया था। सर्वे के दौरान शहर में मवेशियों की संख्या कम हो गई थी। लेकिन अब एक बार फिर शहर की स्मार्ट रोड सहित प्रमुख मार्गो गली-मोहल्ला, कालोनियों में बेसहारा व पालतू मवेशी इधर, उधर विचरण करते नजर आने लगे हैं। नगर निगम भी स्वच्छ सर्वे पूरा हो जाने के बाद इन मवेशियों को पकड़ने में रुचि नहीं ले रहा है। जबकि खुले में घूम रहे गाय, बैल, सांड के कारण राहगीरों की आफत हो रही है। सड़क, चैराहे पर जुगाली करते बैठे मवेशियों का झुंड यातायात व्यवस्था में बाधा उत्पन्न कर रहा है। गंदगी भी कर रहे हैं। लेकिन नगर निगम का हांका गैंग अब इन्हें नहीं पकड़ रहा। न ही खुला छोड़ने वाले मवेशी पालकों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। जबकि शहर में ऐसे कई पशु पालक है जो शहर के भीतर डेयरियां संचालित कर रहे हैं और मवेशियों को खुला छोड़ रहे हैं। गत वर्ष सड़क पर घूमते मवेशियों के कारण चार ह्दयविदारक हादसे भी हो चुके हैं। फिर भी नगर निगम नहीं चेत रहा है।
मुख्यमंत्री भी मवेशियों को लेकर गंभीर 
मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर गंभीर है। गत दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव भी पारित किया था कि सार्वजनिक जगह पर मवेशियों को खुला छोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एक हजार रुपये जुर्माना लगाने वसूला जाए। बावजूद इसके नगर निगम के अधिकारी इस पर अमल नहीं कर रहे हैं।

भीड़ में घुसकर मचाते है कोहराम
– वर्तमान में एक बार फिर शहर की सड़कों पर मवेशीयों की संख्या बढ़ रही है। रांझी-घमापुर स्मार्ट रोड में बेसहारा व पालतु मवेशी बीच सड़क घूमते हुए यातायात व्यवस्था ठप कर रहे है। बीच डिवाइडर में बैठकर लगाए गए पौधों को अपनी खुराक बना रहे हैं।
– शहर के व्यस्ततम चैराहे नौदराब्रिज, मालवीय चैक, रसल चैक, कांचघर चैक, बलदेवबाग, लार्डगंज, लटकारी का पड़ाव के अलावा हर गली-मोहल्लों की सड़कों पर मवेशियों का झुंड जुगाली करते दिख जाएगा। सड़कों खुलेआम तफरी करने वाले राहगीरों के लिए भी परेशानी खड़ी कर रहे हैं।
– भीड़ वालों इलाकों में कब कोई सांड घुस कर कोहराम मचा कह नहीं सकते। ऐसे में ये मवेशी हादसे की वजह भी बन रहे हैं।

चार कांजी हाउस, एक बंद, तीन ही चल रहे
नगर निगम इसलिए भी मवेशियों को पकड़ने में रुचि नहीं ले रहा है क्योंकि नगर निगम के पास पकड़े गए मवेशियों को रखने के लिए कांजी हाउस में पर्याप्त जगह नही बची है। नगर निगम द्वारा शहर में चार कांजी हाउस संचालित किए जा रहे थे। जिसमें चेरीताल स्थित कांजी हाउस बंद कर दिया गया है। जबकि तीन संचालित किए जा रहे हैं। तिलवारा स्थित कांजी हाउस में क्षमता से अधिक मवेशी रखे गए हैं। जबकि उमरिया में पांच हजार मवेशियों के लिए कांजी हाउस बनाया जा रहा है जिसमें फिलहाल शेड लगाकर 100 से ज्यादा मवेशी रखे गए हैं।

ये है कांजी हाउस की स्थिति
कांजी हाउस – क्षमता – रखे गए
चेरीताल – 76 – बंद हो चुका
तिलवारा – 1000 – 1200 से ज्यादा
रामपुर – 250 – 200
उमरिया – 100 – 120

निगम के पास नहीं संसाधनों की कमी
– 50 हांका गैंग टीम है नगर निगम के पास
-4 कैटल वाहन है जिसमें मवेशी पकड़े कर ले जाए जाते हैं
– 1 हाइड्रोलिक एबुंलेंस भी है

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