नगर निगम द्वारा संपत्ति कर तथा कचरा शुल्क की अवैधानिक वसूली से महापौर और निगम परिषद जनता को राहत दिलाए – रेखा चौधरी
संपत्ति कर तथा कचरा कलेक्शन की दरों के निर्धारण में बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप

सागर यश भारत (संभागीय ब्यूरो)/ फिजूल खर्ची और भ्रष्टाचार की बोझ से दबे नगर निगम द्वारा अपनी आय बढ़ाने के लिए संपत्ति कर तथा कचरा कलेक्शन की दरों के निर्धारण में बड़े पैमाने पर धांधली की गई है जिसका खामियाजा शहर की बेगुनाह जनता को भुगतना पड़ रहा है। इस संबंध में नगर निगम प्रशासन पुनर्विचार कर जनता को राहत देने का काम करे।
यह मांग मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी की महासचिव और जिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष रेखा चौधरी ने महापौर और आयुक्त से की है। उन्होंने कहा कि संपत्ति कर निर्धारण के लिए जी आई एस सर्वे के नाम पर शहर के सैकड़ो भवनो की गलत माप करते हुए वास्तविकता से कहीं ज्यादा जगह को रिकॉर्ड किया है। इसके साथ ही भवनो की मंजिलो को भी मनमाने ढंग से दो मंजिला, तीन मंजिला और चार मंजिला बता दिया गया है। नगर निगम द्वारा अवैधानिक ढंग से अपनी आय बढ़ाने के लिए इस तरह की धांधली कर पिछले कई सालों में शहर की जनता से अवैध रूप से अतिरिक्त कर की वसूली कर उनका आर्थिक शोषण किया गया है। इस बात की पुष्टि शहर के कई संपत्ति करदाताओं के बिलों को देखकर की जा सकती है।
कांग्रेस की प्रदेश महासचिव रेखा चौधरी ने आरोप लगाया है कि कचरा कलेक्शन के नाम पर भी नगर निगम द्वारा भारी धांधली कर जनता पर वसूली का बोझ लादा जा रहा है। नगर निगम द्वारा कचरा कलेक्शन के नाम पर 8 सालों की एक मुश्त वसूली के बिल जनता को भेजे गए हैं। इस संबंध में व्यापारिक संस्थानो पर मनमाने ढंग से अलग-अलग दरों का निर्धारण किया गया है जिसमें व्यवहारिक पैमाने का ध्यान नहीं रखा गया है। इस तरह व्यापारिक संस्थाओं पर भी हजारों रुपए की एक मुश्त वसूली का दबाव डाला जा रहा है। जबकि संपत्ति कर के साथ वसूल किए जाने वाले अन्य करों में सफाई एवं कचरा शुल्क पहले ही शामिल रहता आया है।
उन्होंने कहा कि इसके पहले बीते 8 सालों में नगर निगम द्वारा घरों अथवा दुकानों के लिए कभी भी कचरा कलेक्शन के कोई बिल जारी नहीं किए गए और ना ही इस प्रकार की किसी वसूली की सूचना जनता को दी गई। इस तरह से अचानक 8 सालों की एक मुश्त वसूली पूरी तरह से अवैध और अव्यवहारिक है जिससे जनता को राहत दी जाना चाहिए। उनकी इस मांग का नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष बाबूसिंह बब्बू यादव, उप नेता प्रतिपक्ष ताहिर खान, सचेतक नीलोफर चमन अंसारी, पार्षद पार्षद शिव शंकर गुड्डू यादव, रोशनी वसीम खान, रिचा सिंह गौंड, शशि महेश जाटव, सुलेखा राकेश राय, अशोक साहू समेत कई कांग्रेस नेताओं ने भी किया है।
प्रदेश कांग्रेस महासचिव रेखा चौधरी ने कहा कि शहर की जनता ने अपने हितों की रक्षा के लिए महापौर और पार्षदों को निगम में चुनकर भेजा है ऐसे में चुनी हुई परिषद और महापौर की यह जिम्मेदारी है कि वह जनता के हितों का ध्यान रखते हुए उन्हें अनावश्यक आर्थिक शोषण से मुक्त कराए।