जेल कम्पाउन्डर रिश्वत के रंग लगे हुए नोटों के साथ गिरफ्तार : विचाराधीन बंदी को समय पर दवा देने के एवज में 7 हजार का किया था सौदा

जबलपुर, यशभारत। जेल में बंद कैदियों के इलाज के नाम पर परिजनों से सौदा होने का खेल धड़ल्लें से जारी है। ऐसे ही एक मामले में जबलपुर लोकायुक्त ने जेल के कम्पाउंडर को 7 हजार रुपए रिश्वत लेते आज दबोच लिया। आरोपी एक विचाराधीन बंदी की पथरी और समय पर दवा देने के एवज में परिजनों से रिश्वत की मांग कर रहा था।
जानकारी के मुताबिक जंतिपुर मंडला निवासी रवींद्र पटेल पिता कंछेदी पटेल ने 17 अगस्त को मामले की शिकायत की थी। बताया था कि उसके जीजा संजय सिंगौर मंडला जेल में विचाराधीन बंदी हैं। मंडला कोतवाली ने धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया था। वे पथरी से पीडि़त है। जेल अस्पताल में ही उनका इलाज चल रहा है। बताया गया कि मंडला जेल का कम्पाउंडर मनोज डोंगरे पथरी का इलाज कराने और समय पर दवा देने के एवज में 7 हजार रुपए रिश्वत मांग रहा है।
बातचीत को कराया ट्रैप
लोकायुक्त ने पीडि़त की शिकायत के बाद आरोपी से उसकी बातचीत को ट्रैप कराया। आरोपी ने 19 अगस्त को रिश्वत की रकम लेकर पीडि़त को बुलाया था। जिसके बाद लोकायुक्त ने मामले में आरोपी को रंगेहाथ दबोचने के लिए निरीक्षक घनश्याम सिंह मर्सकोले, कमल सिंह उईके, भूपेंद्र दीवान, रंजीत सिंह और आरक्षक अमित मंडल, अमित गावड़े, शरद व जीत सिंह की टीम को भेजा गया था। आरोपी मनोज डोंगरे पीडि़त रवींद्र पटेल को रिश्वत की सात हजार रकम के साथ ग्रेड क्रास के पास मंडला में पैसे लेकर बुलाया। जैसे ही आरोपी ने रिश्वत की सात हजार रुपए लेकर जेब में रखे। वहां मौजूद लोकायुक्त टीम ने उसे दबोच लिया। आरोपी ने पैसे फेंक कर भागने का प्रयास किया, लेकिन टीम ने उसे पकड़ लिया। मौके पर ही उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का प्रकरण दर्ज करते हुए आवश्यक कार्रवाई की।