जीएसटी में अब फर्जी बिल जारी किए तो 20 हजार रुपए या टैक्स की राशि के बराबर पेनल्टी लगेगी
.जबलपुर यश भारत। जीएसटी लागू होने के बाद व्यवसायियों द्वारा फर्जी इनवॉइस जारी होने और गलत इनपुट टैक्स क्रेडिट लिए जाने की समस्या को देखते हुए सेंट्रल बोर्ड ऑफ टैक्सेस ने सर्कुलर जारी कर पेनल्टी के प्रावधान स्पष्ट किए हैं । नई गाइडलाइन के अनुसार यदि किसी विक्रेता द्वारा माल सप्लाय न करते हुए केवल फर्जी बिल जारी किए गए तो उस पर 20 हजार रुपए या टैक्स की राशि के बराबर ( जो भी अधिक हो ) पेनल्टी का प्रावधान किया गया है । इसके तहत उक्त व्यवसायी द्वारा जारी इनवॉइस में दर्शाई गई सप्लाय को सप्लाय ही नहीं माना जाएगा ।
इसी तरह यदि किसी विक्रेता व्यवसायी ने माल की सप्लाय किए बिना फर्जी इनवॉइस जारी किया है और क्रेता व्यवसायी ने इस फर्जी इनवॉइस के आधार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट ले ली है तो ऐसी स्थिति में क्रेता व्यवसायी द्वारा छलपूर्वक इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम किए जाने के कारण , उससे उक्त क्लेम की गई राशि , व्याज एवं धारा 74 के तहत पेनल्टी वसूल की जाएगी, यदि फर्जी इनवॉइस के आधार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने वाला व्यवसायी आगे एक और फर्जी इनवॉइस जारी कर माल सप्लाय करना दिखाता है तो उस व्यवसायी से दो बार पेनल्टी वसूल की जाएगी , एक बार फर्जी इनवॉइस की इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने के लिए और एक अन्य फर्जी इनवॉइस बनाने के लिए.
कर अधिवक्ता श्री अभिषेक ध्यानी ने बताया कि सरकार ने जो सर्कुलर 171/03/2022 जारी किया है उससे नियमों में काफी स्पष्टता आ गई है नहीं तो इससे पहले केंद्रीय और राज्य कर विभाग अपने मत अनुसार कार्यवाही करते थे, जिससे व्यापारी परेशान होते थे.