जहां नहीं थी प्राथमिकता वहां तत्परता से खोले जा रहे केंद्र- धान उपार्जन में नियमों का मखौल उड़ा रहे अधिकारी

जबलपुर यश भारत। धान उपार्जन को लेकर लापरवाही तो हर बार सामने आती है। लेकिन इस बार उपार्जन के साथ-साथ उपार्जन केंद्रों के निर्धारण में भी जमकर गोलमाल चल रहा है जिसको लेकर यश भारत द्वारा मंगलवार के अंक में भी समाचार प्रकाशित किया गया था। उपार्जन केंद्र के निर्धारण को लेकर एक बड़ा गोलमाल दिख रहा है जिसमें अधिकारियों द्वारा उन गोदामों में उपार्जन केंद्र खोल दिए गए जो सरकार की नीतियों और निर्देशों के हिसाब से सबसे आखरी की प्राथमिकता रखते थे। लेकिन अधिकारियों की नीतिया उन्हें सबसे ऊपर रखती है।
जानकारी के मुताबिक प्रदेश सरकार द्वारा धान के भंडारों को लेकर जो नीति तैयार की गई थी उसमें एक पीएमएस योजना थी जिसे प्राइवेट मेंटेनेंस स्कीम कहा जाता है । दूसरी है सेल्फ स्कीम जिसमें धान का रखरखाव गोदाम संचालक द्वारा किया जाएगा। दोनों ही स्कीम गोदाम संचालकों के लिए रखी गई थी जिसमें जिस को सुविधा हो उसे चुन सकता है। लेकिन सरकार द्वारा पीएमएस योजना वाले गोदाम को प्राथमिकता से भरने के निर्देश दिए हुए थे। क्योंकि इसमें एजेंसी का काम होगा ऐसे में उसे बिजनेस गारंटी दी गई है । जिसके चलते वीएमएस योजना की गोदामों को भरने का आदेश जारी किया गया था। लेकिन अधिकारियों द्वारा ऐसी कई गोदामो में केंद्र खोल दिए गए है जो सेल्फ स्कीम के तहत ऑफर की गई थी।
यह है स्कीम
प्रदेश सरकार द्वारा धान के भंडारण के लिए पीएमएस योजना के तहत ₹45 का किराया निर्धारित किया है वही सेल्फ योजना में ₹67 का किराया निर्धारित किया है। ऐसे में कम किराया चुनने वाले पीएमएस के गोदाम को प्राथमिकता से भरने का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है। लेकिन अधिकारियों की मेहरबानी के चलते ₹67 का किराया वाले गोदाम संचालकों को फायदा पहुंचाया जा रहा है । वही कम किराया चुनने वाले गोदाम संचालकों को नुकसान में धकेला जा रहा है। इस मनमर्जी के चलते धान खरीदी लगातार डिले होती जा रही है। इस पूरे मामले में जब जिला खाद्य नियंत्रक से जानकारी मांगी गई और उक्त मैपिंग को लेकर बात की गई तो उन्होंने किसी भी तरह की जानकारी देने से इंकार कर दिया और अधिक काम का दबाव होने की बात कही। साथ ही साथ उन्होंने इस विषय में अन्य अधिकारियों से चर्चा करने को कहा और अपना पल्ला झाड़ दिया।
सेल्फ स्कीम वाली गोदामों में खोल दिए गए केंद्र
महालक्ष्मी वेयरहाउस जबलपुर
पुष्पराज वेयरहाउस बडखेरा
तिरुपति वेयरहाउस सिहोरा
विजय श्री वेयरहाउस सिहोरा
जय भवानी वेयरहाउस सिहोरा
निधि वेयरहाउस सिहोरा
बापू वेयरहाउस सिहोरा
अभिषेक ट्रेडिंग भेड़ाघाट
मंगलम वेयरहाउस पाटन
डीएमआर एग्रो वेयरहाउस पाटन
श्री राज वेयरहाउस रिछाई
हमारे द्वारा सभी गोदामों की सूची ग्रेट के हिसाब से ए बी और सी कैटेगरी में बना कर दे दी गई थी। उसके बाद सभी की सहमति से जिला उपार्जन समिति द्वारा केंद्रों का निर्धारण किया गया है ।
सखाराम निमोदा
जिला प्रबंधक एमपी वेयरहाउस







