पैसे लेकर शस्त्र लाइसेंस बनाने वाले अफसरों की पांच करोड़ की संपत्ति प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जब्त कर ली है। जांच में यह सामने आया है कि इन अफसरों ने आम लोगों को दिए शस्त्रों को केंद्रीय अर्धसैनिक बलों या सेना के जवानों के नाम पर जारी किया है। ED ने इन अफसरों और कर्मचारियों की 40 करोड़ की संपत्ति भी अपराध संपत्ति के तौर पर चिन्हित की है।
जम्मू-कश्मीर में तमाम नियमों को ताक पर रखकर जारी किए गए शस्त्र लाइसेंस मामले में प्रशासन के अनेक वर्तमान और सेवानिवृत्त अधिकारियों समेत अनेक दलाल आरोपी हैं। प्रवर्तन निदेशालय के एक आला अफसर ने बताया कि यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो की विशेष अपराध शाखा दर्ज की गई FIR के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत शुरू किया गया था। इसमें कुपवाड़ा जिले के तत्कालीन उपायुक्त समेत अन्य अधिकारी आरोपी हैं।
निदेशालय का दावा है कि उसे पता चला कि जम्मू-कश्मीर के अनेक अफसरों ने तमाम नियम कानूनों को ताक पर रखकर दलालों के साथ मिलकर अनेक फर्जी लोगों के हथियार लाइसेंस बना दिए हैं। अधिकारियों ने अपने परिजन के नाम उनके बैंक खातों में रकम जमा कराई है।