जबलपुर शिक्षा विभाग में जंगलराज: 18 साल से जिले में पदस्थ मॉन्टेसरी प्राचार्य के तबादले का कभी आदेश ही नहीं हुआ
मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ योगेंद्र दुबे ने कलेक्टर को भेजी शिकायत
जबलपुर , यशभारत। जबलपुर के शिक्षा विभाग और विवादों का नाता रहा है। इस जिले का शिक्षा विभाग अपने अच्छे कामों को लेकर कम फर्जीवाड़ा और गड़बड़ी को लेकर ज्यादा ख्याति प्राप्त कर चुका है। जब कभी भी भोपाल में अच्छे काम करने वाले जिलों की बात होती है तो जबलपुर का नाम ब्लेक लिस्ट में डाल दिया जाता है। ताजा मामला मॉन्टेसरी प्राचार्य की पदस्थापना को लेकर है। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के योगेंंद्र दुबे ने कलेक्टर को प्राचार्य की पदस्थापना को लेकर शिकायत भेजकर हड़कंप मचा दिया है। शिकायत के बाद जबलपुर से लेकर भोपाल तक में गहमागहमी मची हुई है।
मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री योगेंंद्र दुबे ने कहा कि 18 साल से मॉन्टेसरी प्राचार्य राममोहन तिवारी जिले में पदस्थ है जबकि किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की एक जिले में सिर्फ 3 साल तक ही पदस्थापना हो सकती है। जबलपुर शिक्षा विभाग में जंगलराज हावी है। कभी भी मॉन्टेसरी प्राचार्य के तबादले का आदेश उनकी केबिन तक नहीं पहुंचा है। ऐसा नहीं कि प्राचार्य के साथ विवाद न जुड़े हो परंतु ऊंची एप्रोच का फायदा उठाकर प्राचार्य कई सालों से जिले में जमे हैं।
प्रभारी डीईओ से लेकर वर्तमान में जेडीई की कुर्सी
मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के योगेंंद्र दुबे ने बताया कि मॉन्टेसरी प्राचार्य को किस तरह से उपकृत किया जा रहा है अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्राचार्य को प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी की जिम्मेदारी दी गई साथ ही वर्तमान में वह संभागीय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण के प्रभारी के रूप में काम कर रहे हैं।
भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं
मॉन्टेसरी प्राचार्य की पदस्थापना लगातार कई सालों से जिले में होने से शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार हावी है। प्राचार्य के रिश्ते शिक्षा विभाग के तमाम बड़े अधिकारियों से है। भोपाल में अच्छी पैठ होने व स्थानीय अधिकारियों को अंधेरे में रखकर नौकरी करने वाले प्राचार्य के कारण उन अधिकारियों को कुर्सी संभालने का मौका नहीं मिल पा रहा है जो उसकी योग्यता रखते हैं।
नियमों के विपरीत जाकर प्रभारी जेडीई बनाया
कर्मचारी नेता योेगेंद्र दुबे ने बताया कि संभागीय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण जबलपुर की कमान भी प्राचार्य राममोहन तिवारी के हाथों में है। मालूम हो कि इस पद के लिए प्राचार्य से सीनियर अधिकारी उसी कार्यालय में पदस्थ है। परंतु तत्कालीन संयुक्त संचालक राजेश तिवारी ने अपना फायदा देखते ही राममोहन तिवारी को प्रभारी बना दिया है। प्राचार्य के प्रभारी अधिकारी होने से शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है।