जबलपुर क्लब अतिक्रमणकारी, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई मुहर

जबलपुर,। सुप्रीम कोर्ट ने नगर निगम, जबलपुर व जबलपुर क्लब के बीच लीज की जमीन को लेकर चल रहे विवाद को लेकर महत्वपूर्ण आदेश पारित किया। इसके तहत सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता व जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की युगलपीठ ने हाई कोर्ट के उस पूर्व आदेश को निरस्त कर दिया, जिसके जरिये अवैध कब्जों से मुक्त कराई गई लगभग 27,600 वर्गफीट जमीन का कब्जा जबलपुर क्लब को सौंपने का आदेश दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफ किया कि जो जमीन नगर निगम ने कब्जामुक्त कराई है उस पर क्लब का कब्जा नहीं हो सकता। इस जमीन पर नगर निगम का स्वामित्व बरकरार रहेगा।
नगर निगम ने 28 नवंबर, 1999 को इन अवैध कब्जों को हटाया और जमीन पर कब्जा ले लिया। इसके बाद 2003 में क्लब ने सिविल कोर्ट में उक्त जमीन पर अपना हक बताते हुए दावा पेश किया। सिविल कोर्ट ने क्लब का दावा खारिज कर दिया। क्लब ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। हाई कोर्ट ने 27 नवंबर, 2015 को अपने आदेश में कहा कि चूंकि जमीन लीज पर दी गई है इसलिए उसकी पूरी जमीन पर लीजधारक यानी क्लब का कब्जा रहेगा।
नगर निगम ने हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। मामले पर सुनवाई के दौरान नगर निगम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अक्षय गिरीश रिंगे ने तर्क दिया कि लीजधारक की यह जिम्मेदारी होती है कि वह जमीन पर अवैध कब्जा नहीं होने दे। जमीन पर कब्जा होने के कारण क्लब ने जमीन नगर निगम को सरेंडर कर दी थी। लिहाजा, अब उस जमीन पर नगर निगम का ही कब्जा होना चाहिए।
97 साल पहले दी थी लीज : नगर निगम ने 11 फरवरी 1926 को 92,352 वर्गफीट जमीन जबलपुर क्लब को लीज पर दी थी। यह लीज 10 फरवरी, 1956 को समाप्त हो गई थी। इसके बाद भी जमीन पर क्लब का कब्जा बना रहा। वर्ष 1984 में उक्त जमीन में से 27,600 वर्गफीट जमीन फाइव स्टार एक्जीबीशन के कब्जे में आ गई। नगर निगम ने 1997 में नोटिस जारी कर क्लब से पूछा कि निगम की अनुमति बिना व्यावसायिक उपयोग के लिए उसने उक्त जमीन का टुकड़ा किराए पर क्यों दे दिया। नगर निगम ने चार लाख 61,600 रुपये ग्राउंड रेंट और 2 लाख रुपये कंपाउंडिंग फीस की मांग की। इसके बाद 1988 में निगम अधिकारियों व क्लब के सदस्यों के बीच बैठक हुई, जिसमें करार हुआ कि एक लाख 47,950 रुपये देने पर 1986 तक लीज नियमित मानी जाएगी। उस बैठक में यह भी तय हुआ कि अवैध कब्जाधारियों को नगर निगम, जबलपुर हटाएगा।








