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जबलपुर के दोनों ओर इटारसी एवं कटनी में बन रहा है ग्रेड सेपरेटर : नई ट्रेन चलाना होगा सुगम तथा परिचालन में होगी सहुलियत

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जबलपुर यश भारत। पश्चिम मध्य रेल के जबलपुर के दोनों एन्ड इटारसी एवं कटनी में ग्रेड सेपरेटर का निर्माण कार्य किया जा रहा है। भोपाल मण्डल के इटारसी नार्थ-साऊथ डाउन साइड ग्रेड सपरेटर का निर्माण किया जा रहा है। इस इटारसी ग्रेड सेपरेटर की कुल लम्बाई 12 किमी है। इस ग्रेड सेपरेटर में 03 मेजर ब्रिज, 26 माइनर ब्रिज, 09 आरयूबी (रोड अंडर ब्रिज) एवं 03 स्टेशन बिल्डिंग इत्यादि का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही *इटारसी नार्थ-साउथ अप साइड ग्रेड सेपरेटरका कार्य भी तेज गति से चल रहा है। इस इटारसी नार्थ-साउथ अप साइड ग्रेड सेपरेटर की कुल लम्बाई 16 किमी है। इस ग्रेड सेपरेटर में 04 मेजर ब्रिज, 41 माइनर ब्रिज, 07 आरयूबी (रोड अंडर ब्रिज) एवं 05 स्टेशन बिल्डिंग इत्यादि का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इसमें उच्च गुणवत्ता वाले मैटेरियल एवं तकनीक तथा हैवी मशीनिरी का उपयोग किया जा रहा है। इसी तरह इटारसी नार्थ-साउथ अप साइड ग्रेड सेपरेटर का का कार्य भी तेज गति से चल रहा है। यह कार्य वर्ष 2023 में पूर्ण किया जाएगा।

इसी प्रकार जबलपुर मण्डल के *कटनी में ग्रेड सेपरेटर का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इस कटनी ग्रेड सेपरेटर की कुल लंबाई 34.9 किमी है। इसके साथ ही इसमें वॉयडक्ट (17.8 किमी), रिटेनिंग वॉल (3.2 किमी), अर्थवर्क (13.9 किमी) पर ग्रेड सेपरेटर का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इस ग्रेड सेपरेटर में कुल 676 पियर्स/अब्यूटमेंट्स, 08 रेल ओवर ब्रिज (आरओआर), 06 मेजर ब्रिज निर्माण कार्य के साथ एलिवेटेड डेक पर पॉइंट्स और क्रोसिंग का भी कार्य किया जा रहा है। इसमें उच्च गुणवत्ता वाले मैटेरियल एवं तकनीक तथा हैवी मशीनिरी का उपयोग किया जा रहा है। कटनी ग्रेड सेपरेटर निर्माण कार्य को गति प्रदान करते हुए अप साइड में 1570 फाउंडेशन में से 1514 फाउंडेशन का निर्माण करते हुए 96 प्रतिशत तक कार्य पूर्ण हुआ। इसके साथ में 264 पिलर्स में से 161 पिलर्स को तैयार कर 61 प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ। इसी तरह डॉउन साइड में भी 2585 फाउंडेशन में से 2206 फाउंडेशन का निर्माण कर 85 प्रतिशत कार्य किया गया है। इसके साथ ही 412 पिलर्स में से 160 पिलर्स का निर्माण कर 39 प्रतिशत कार्य किया गया है। इस प्रकार अभी तक सम्पूर्ण निर्माण कार्य का 35 फीसदी कार्य पूर्ण हुआ है। इस परियोजना की कुल निर्माण कार्य लागत रुपये 1250 करोड़ है। यह कार्य वर्ष 2023-24 तक काम पूरा होना है।

रेलवे को यह होंगे फायदे
* रेलखण्ड के ट्रैक की क्षमता में वृद्धि होगी।
* रेलखण्ड में फ्रेट ट्रेन के परिचालन में वृद्धि के साथ गति प्रदान करेगा।
* माल यातायात में वृद्धि होने से फ्रेट ट्रेनों के समय मे बचत होगी साथ ही आवागमन में आसानी होगी।
* पमरे के रेल राजस्व में भी वृद्धि होगी।
* नई ट्रेन चलाना होगा सुगम तथा परिचालन में होगी सहुलियत

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