छिंदवाड़ा मेडिकल कालेज में एसोसिएट प्रोफेसर की भर्ती पर जवाब नहीं आया
जबलपुर। हाई कोर्ट ने छिंदवाड़ा मेडिकल कालेज में की जा रही एसोसिएट प्रोफेसर्स की भर्ती पर आगामी सुनवाई तक रोक लगा दी थी। जस्टिस एसए धर्माधिकारी की सिंगल बेंच ने राज्य सरकार के चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, संचालक, जबलपुर संभागायुक्त व छिंदवाड़ा मेडिकल कालेज के डीन को नोटिस जारी किए थे। लेकिन अब तक जवाब नहीं आया।
छिंदवाड़ा मेडिकल कालेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत डा.पूजा सिंह, डा. सोनाली त्रिपाठी, डा.नितिन जैन व डा. हेमंत अहिरवार की ओर से याचिका दायर की गई। अधिवक्ता आदित्य संघी ने कोर्ट को बताया कि सभी विगत चार वर्षों से छिंदवाड़ा मेडिकल साइंस इंस्टिट्यूट(कालेज) के विभिन्न विभागों में सेवाएं दे रहे हैं। 29 मार्च 2022 को कालेज की ओर से एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर पद पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किए गए। लेकिन इसके पूर्व राज्य सरकार द्वारा समय समय पर जारी सर्कुलरों के तहत प्रमोशन रोस्टर का पालन नहीं किया गया। याचिकाकर्ताओं को पहले प्रमोशन दिया जाना चाहिए था, इसके बाद रिक्त पदों पर नियुक्ति की जानी चाहिए। तर्क दिया गया कि प्रदेश भर के मेडिकल कॉलेजों में प्रमोशन रोस्टर के साथ सीधी भर्ती की प्रक्रिया अपनाई जाती है। लेकिन छिंदवाड़ा मेडिकल कालेज में इसका पालन नहीं किया गया। आग्रह किया गया कि उक्त नियुक्तियों की प्रक्रिया निरस्त की जाए।
प्रारम्भिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने अनावेदकों से जवाब तलब कर एसोसिएट प्रोफेसर की भर्ती पर रोक लगा दी।सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता ललित जोगलेकर उपस्थित हुए। कोर्ट ने जवाब पेश करने निर्देश दिए हैं। जवाब आने पर रिकार्ड पर लेकर आगामी आदेश जारी किया जाएगा।