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चार दिन पहले जन्मी बच्ची के पेट में बच्चा :   रिपोर्ट देखकर हिला सबका दिमाग, डॉक्टर ने कहा- जीवन का पहला केस 

सागर, यशभारत। मप्र के सागर जिले के केसली में भी चिकित्सा जगत का दुर्लभ मामला सामने आया है। इसमें चार दिन पहले जन्मी एक नवजात के गर्भ में जिंदा भ्रूण लेकर जन्मी है। सागर जिले के केसली ब्लॉक निवासी एक प्रसूता की चार दिन पहले डिलीवरी कराई गई थी। उसकी नवजात को जिला अस्पताल के एसएनसीयू में भर्ती कराया गया है।

 

मामले में सीटी स्कैन जांच में सामने आया है कि नवजात के गर्भ में भी एक गर्भ मौजूद है। विशेषज्ञों के अनुसार यह भ्रूण भी जीवित अवस्था में है। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने नवजात का परीक्षण किया है। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के रेडियोलॉजी विभाग के डॉक्टर बताते हैं कि उनके जीवन में यह पहला मामला सामने आया है। 

17 दिन पहले जांच के लिए आई थी गर्भवती 

बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में रेडियोलॉजी विभाग के एचआोडी डॉ. पुण्य प्रताप सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि लगभग 17 दिन पहले केसली निवासी &5 वर्षीय एक गर्भवती महिला जांच के लिए आई थी। सोनोग्राफी और सीटी स्कैन के बाद चौंकाने वाली बात सामने आई थी, जिसमें पेट में मौजूद शिशु के पेट में भी एक जिंदा भ्रूण(टेराटोमा) मौजूद था। महिला का चार दिन पहले सामान्य प्रसव केसली में कराया गया था, जिसके बाद नवजात को जिला अस्पताल के एसएनसीयू में भर्ती कराया गया है। डॉ. सिंह के अनुसार मेरे जीवन में फीट्स इन फीटू इस तरह का पहला मामला सामने आया है।

सर्जरी ही एकमात्र विकल्प, विकसित नहीं हो सकता भ्रूण 

बीएमसी के रेडियोलॉजिस्ट डॉ. वृषभान अहिरवार के अनुसार फीट्स इन फीटू के ऐसे दुर्लभ मामलों में भ्रूण के अंदर भ्रूण

जीवित नहीं रह पाते हैं। ऐसा एक भी केस हिस्ट्री में सामने नहीं आया है। दरअसल, शिशु का शरीर बहुत छोटा होता है और पेट के अंदर भ्रूण को पर्याप्त ब्लड व अन्य पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं, जिस कारण भ्रूण जीवित नहीं पाता है।

 

डॉक्टर जीवन में आया पहला केस 

डॉ. वृषभान के अनुसार हमने जीवन में यह पहला केस देखा है। दुनिया में अब तक करीब 200 के आसपास फीट्स इन फीटू के मामले मिले हैं। करीब 5 से 10 लाख में एकाध मामला सामने आता है।

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