घंटाघर सड़क पर शहर के दो जनप्रतिनिधि आमने- सामने, विधायक ने कराया डामरीकरण का आदेश, तो संशोधन के लिए मेयर पहुंच गई भोपाल
जनता को तत्काल सुविधा की जरूरत, अब और कितना इंतजार करें लोग : संदीप जायसवाल..... डामर चुपड़ने की बजाय सड़क पर हो ठोस काम ताकि स्थाई समाधान हो : प्रीति सूरी

कटनी। घंटाघर सड़क निर्माण के मामले में विधायक और महापौर अब सीधे तौर पर आमने सामने आ गए हैं। ध्यानाकर्षण के जरिए सदन में एक परत डामरीकरण की बात उठाकर 7 जनवरी को विधायक ने बकायदा इस सिलसिले में नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल से आयुक्त के नाम आदेश जारी करा लिया तो दूसरी ओर इस आदेश में संशोधन की मांग लेकर महापौर आनन फानन राजधानी पहुंच गईं। उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए नगर निगम द्वारा इस सड़क के निर्माण से जुड़े सारे पहलुओं की जानकारी नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा और सांसद वीडी शर्मा को दी। नगरीय प्रशासन विभाग का अगला रुख क्या होगा यह तो आने वाला समय बताएगा, लेकिन एक बार फिर इस मसले पर राजनीति गरमा गई है। दोनों ही जनप्रतिनिधि जनता के हित में यह सब करने की बात कर रहे है। जनता भी पूरे मामले को अपने नजरिए से देख रही है। लोगों को सड़क निर्माण के पीछे जुड़ी सियासत से कोई लेना देना नहीं है, उन्हें तो बस हर हाल में सुविधा चाहिए।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले क्षेत्रीय विधायक संदीप जायसवाल ने विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से बात रखी थी कि घंटाघर से चांडक चौक का मार्ग शहर के प्रमुख मार्गों में से एक है, जिसमें सारा दिन ट्रैफिक का दबाव रहता है। पिछले दो साल से निर्माण के नाम पर इस सड़क में लाखों रुपए खर्च कर दिए गए लेकिन सड़क की हालत खस्ता होने से शहर के लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने विभागीय मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से मांग की थी कि इस सड़क पर लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए डामर की एक परत चढ़ाए जाने के निर्देश दे दिए जाएं। मंत्री ने विधायक की बात के जवाब में कहा था कि जैसा विधायक चाहते हैं वैसे निर्देश दे दिए जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक दो दिन पहले 7 जनवरी को विभाग के प्रमुख अभियंता प्रदीप एस मिश्रा ने नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखकर निर्देशित कर दिया कि आरओडब्ल्यू के निर्माण के साथ सड़क का डामरीकरण कराने की कार्यवाही करें, ताकि वर्तमान स्थिति में यातायात से होने वाले प्रदूषण को रोका जा सके। इन निर्देशों के आने के बाद घंटाघर सड़क पर एक परत डामरीकरण का रास्ता साफ हो गया।
मेयर ने कहा- विधिवत सड़क बनने से ही होगा वास्तविक लाभ, डामरीकरण समस्या का स्थाई हल नहीं
नगर निगम को डामरीकरण के निर्देश मिलते मेयर प्रीति सूरी तत्काल भोपाल रवाना हो गईं और नगरीय प्रशासन मंत्री से मिलकर आदेश में संशोधन की मांग की। मेयर ने पत्र के जरिए सारी वस्तु स्थिति मंत्री के सामने रखी। उन्होंने पत्र में उल्लेख किया कि जनता द्वारा आवाज उठाये जाने के बाद माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा 12 मीटर रोड के चौड़ीकरण के निर्देश प्रदान किये गये है। वर्तमान में सड़क 8 मीटर है, जिसे चौड़ीकरण करते हुए 12 मीटर किया जाना है। यह कार्यवाही अंतिम चरण में है। कहा गया है कि सड़क पर वर्तमान में एक परत डामर की चढ़ाने पर इस मार्ग से भारी वाहन आने जाने से सड़क ज्यादा दिन नहीं चल पायेगी। साथ ही एक ही स्थल पर दो बार कार्य कराये जाने पर निगम की वित्तीय स्थिति में प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
सड़क निर्माण के इन प्रयासों का उल्लेख
मेयर द्वारा मंत्री और सांसद को सौंपे गए पत्र में जानकारी दी गई है कि मार्च 2023 में चैत्र नवरात्रि पर्व को देखते हुये जन सहयोग से इस सड़क पर लगभग 10 लाख का डामर पेंचवर्क कराया गया। पिछले 10 वर्षो से चौड़ीकरण प्रस्तावित है। टेंडर प्रक्रिया के उपरांत दिसम्बर 2023 में सीवर लाइन का कार्य कराया गया। अप्रैल मई 2024 में डिजाइन के अनुसार डब्ल्यूएमएम वर्क कराया गया। बताया गया है कि माननीय उच्च न्यायालय में प्रभावित भू-स्वामियों द्वारा 12 याचिकाएं लगाई गई थी, जिसमें से 9 का निराकरण कर दिया गया हैं एवं शेष 3 याचिका में भी न्यायालय के निर्देश का पालन किया जा चुका है। स्थानीय निवासियों को नगर निगम द्वारा मुआवजा राशि देने की प्रकिया अंतिम चरण में है। प्रकरण परिषद में निर्णय के लिए प्रस्तावित है, पूर्व में परिषद द्वारा 1.56 लाख मुआवजा राशि एवं 50 लाख रूपये के प्रशासनिक व्यय की सैद्धांतिक स्वीकृति दिनांक 16 जुलाई 2023 को परिषद की बैठक में दी जा चुकी है। प्रभावित भूमि व भवन स्वामियों द्वारा आपत्ति एवं परिषद निर्णय अनुसार मुआवजे की कार्यवाही कराने के लिए अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा फिर से जांच कर 29 सितंबर 2024 को पुनः 2 करोड़ 21 हजार रूपये का मुआवजा तय किया जा चुका है। मेयर ने कहा है कि डामरीकरण के निर्देशों से जनमानस में असंतोष होगा। संपूर्ण प्रक्रिया में ही निकाय का फायदा है तथा सारी प्रक्रिया नियमानुसार और माननीय न्यायालय के आदेश पर की गई है। उक्त के संबंध में नगर निगम से कलेक्टर को टीम गठित करने हेतु पत्र जारी हो चुका है।





