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ग्वालियर बीजेपी में नेतृत्व परिवर्तन: पार्टी के अंदरूनी विवादों के बाद जयप्रकाश राजौरिया को सौंपी गई जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी

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ग्वालियर: मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने जिला अध्यक्षों की तीसरी सूची जारी की है। इस सूची में ग्वालियर जिले में पार्टी की कमान जयप्रकाश राजौरिया को सौंपी गई है। राजौरिया के नाम की घोषणा के बाद, यह सवाल उठता है कि पार्टी ने उन्हें इस अहम जिम्मेदारी क्यों सौंपी और क्या वे ग्वालियर में बीजेपी को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सक्षम होंगे l

जयप्रकाश राजौरिया का राजनीतिक करियर छात्र जीवन से ही सक्रिय रहा है। रामजन्म भूमि मंदिर आंदोलन में उनकी भागीदारी और कारसेवा के दौरान गंभीर रूप से घायल होने की घटना ने उन्हें संगठन का मजबूत चेहरा बना दिया। राजौरिया ने भारतीय जनता युवा मोर्चा में विभिन्न पदों पर कार्य किया है, जिनमें जिला मंत्री, जिला उपाध्यक्ष और जिलाध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल प्रमुख हैं।

 

विवाद के बाद पार्टी ने किया राजौरिया का चयन

ग्वालियर में जिला अध्यक्ष के पद को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीडी शर्मा ने व्यक्तिगत रूप से ग्वालियर का दौरा किया और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं नरेंद्र सिंह तोमर और विष्णु दत्त शर्मा के बीच बंद कमरे में हुई बैठक के बाद जयप्रकाश राजौरिया के नाम पर सहमति बनी।

 

*इससे पहले,* ग्वालियर में जिला अध्यक्ष के पद के लिए पारस जैन, रामेश्वर भदोरिया, आशीष अग्रवाल जैसे नाम चर्चा में थे। हालांकि, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के बीच इस पर तकरार भी चल रही थी, लेकिन अंततः राजौरिया को यह जिम्मेदारी सौंपी गई।

 

बीजेपी को उम्मीदें, राजौरिया पर विश्वास

राजौरिया की संगठन में गहरी पैठ है, और पार्टी को उम्मीद है कि उनके नेतृत्व में ग्वालियर में पार्टी को न सिर्फ मजबूत किया जाएगा, बल्कि उनके वृहद सांगठनिक अनुभव का भी लाभ मिलेगा।

 

नए अध्यक्ष के रूप में ग्वालियर में बीजेपी का भविष्य

*अब, जब जयप्रकाश राजौरिया ग्वालियर के जिला अध्यक्ष बने हैं,* तो सवाल यह उठता है कि क्या वे पार्टी की नीतियों को पूरी ताकत से लागू करेंगे और ग्वालियर में बीजेपी को एक नई दिशा देंगे? क्या वे अपनी नेतृत्व क्षमता से ग्वालियर को एक मजबूत राजनीतिक केंद्र बनाएंगे? समय ही इसका जवाब देगा।

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