ग्रेड सेपरेटर का निरीक्षण करने कटनी पहुंची रेलवे की जीएम शोभना बंदोपाध्याय, डीआरएम भी थे साथ, टीम के साथ मझंगवा फाटक में देखी काम की रफ्तार

कटनी, यशभारत। रेलवे की ग्रेड सेपरेटर परियोजना का निरीक्षण करने वेस्ट सेंट्रल रेलवे जबलपुर जोन की जीएम शोभना बंदोपाध्याय आज कटनी पहुंची। उन्होंने मझगवां फ़ाटक के पास इस परियोजना का निरीक्षण किया। अप और डाउन ग्रेड सेपरेटर का निर्माण कार्य लगभग 1,248 करोड़ की लागत से ठेका कंपनी द्वारा किया जा रहा हैं। जीएम शोभना बंदोपाध्याय रेल के विशेष वाहन परख से कटनी पहुँची और अधिकारियो के साथ सीधे मझगवां फाटक स्थित ग्रेड सेपरेटर परियोजना स्थल रवाना हो गईं। उन्होंने एनकेजे झलवारा तरफ जारी निर्माण कार्यों का अवलोकन भी किया। इस दौरान उनके साथ डीआरएम कमल कुमार तलरेजा सहित रेल विभाग व ठेका कंपनी अधिकारियों की टीम भी थी।
अपलाइन का कार्य पूर्णता की ओर
जानकारी के अनुसार ग्रेड सेपरेटर योजना के अंतर्गत अप लाइन का कार्य लगभग 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है क्रॉस ओभर का कार्य के साथ झलवारा तरफ से मिलना शेष है। परियोजना के पूरा होने से बीना-कटनी रेलखंड पर ट्रेनों का संचालन बढ़ेगा और कटनी से बिलासपुर और सिंगरौली के लिए अतिरिक्त रेल लाइन का सीधा संपर्क जुड़ जाएगा। इससे माल यातायात में वृद्धि होगी और फ्रेट ट्रेनों के समय में बचत होगी। साथ ही पश्चिम मध्य रेल के राजस्व में वृद्धि होगी।
सितंबर माह में पूरा होना था अप ग्रेड सेपरेटर का निर्माण
रेलवे की प्रमुख परियोजनाओं में शामिल कटनी में बन रहे भारतीय रेल के सबसे लंबे ग्रेड सेपरेटर का निर्माणकार्य मंथर गति से चल रहा है। शहरवासी निर्माणकार्य के चलते धूल, डस्ट, भारी वाहनों की आवाजाही से लगातार परेशान है तो दूसरी ओर रेलवे की इरकॉन और ग्रेड सेपरेटर ठेका एजेंसी कार्य को गति देने में नाकाम साबित हो रहे है। कार्य की रफ्तार धीमी होने के कारण इसके निर्धारित समयसीमा में पूरा करना मुश्किल नजर आ रहा है। आलम यह है कि पमरे ने अप ग्रेड सेपरेटर का काम सितंबर 2024 तक और डाउन ग्रेड सेपरेटर का काम मार्च 2025 में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है बावजूद अप ग्रेड सेपरेटर का कार्य अबतक अधूरा पड़ा है।जबकि रेल परियोजनाओं में कटनी ग्रेड सेपरेटर पश्चिम मध्य रेल की मेघा परियोजना में से एक है। अप ग्रेड सेपरेटर की लंबाई 16 किमी एंड डाउन ग्रेड सेपरेटर की लंबाई 18 किमी सहित ग्रेड सेपरेट कुल लंबाई 34 किलोमीटर है। इस कुल लम्बाई के पुल में वॉयडक्ट (18 किमी), रिटेनिंग वॉल (3 किमी), अर्थवर्क (13 किमी) के साथ अप एंड डाउन ग्रेड सेपरेटर का निर्माण कार्य किया जा रहा है। ग्रेड सेपरेटर परियोजना के निर्माण की मुख्य विशेषता यह है कि कटनी और कटनी मुड़वारा और न्यू कटनी जंक्शन के व्यस्त यार्ड को पार करने के लिए एलिवेटेड वायाडक्ट उपयोगी साबित होगी। इस ग्रेड सेपरेटर में वायाडक्ट (पुल) की कुल लंबाई 18 किलोमीटर है। अप ग्रेड सेपरेटर में कुल 260 स्पैन और डाउन ग्रेड सेपरेटर में 411 स्पैन निर्माणाधीन हैं। अप ग्रेड सेपरेटर का काम जहां करीब 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है, वहीं डाउन ग्रेड सेपरेटर 20 प्रतिशत के करीब ही अटका है।
ऐसा बन रहा है ग्रेड सेपरेटर
कटनी ग्रेड सेपरेटर परियोजना रेलवे की मेगा परियोजनाओं में से एक है। इसमें अप और डाउन दोनों ही लाइन में क्रमश: 16.08 और 18.01 किलोमीटर लंबी रेल ओवरब्रिज का निर्माण होगा। इसमें अप लाइन में झलवारा से एक लाइन आएगी और दूसरी कटंगीखुर्द की ओर से आएगी। दोनों लाइन आरओबी में उपर ही उपर पड़रिया फाटक के पास मिलेगी और आगे मझगवां तक जाएगी। ग्रेड सेपरेटर का निर्माणकार्य दिसंबर 2023 में पूरा होना था लेकिन लेटलतीफी के चलते ऐसा नहीं हो सका। अफसरों ने जून 2024 समय सीमा तय की लेकिन कार्य अधूरा ही रहा। इसके बाद अफसरों ने इस दो भागों में बांटकर समय सीमा निर्धारित की। तत्कालीन रेलवे जीएम ने खुद दावा किया था कि अप ग्रेड सेपरेटर का काम सितंबर 2024 तक और डाउन ग्रेड सेपरेटर का काम मार्च 2025 में पूरा करने का लक्ष्य है लेकिन यह लक्ष्य भी अधूरा हैं।
हो रही परेशानी
कार्य के चलते एनकेजे में कई गाडिय़ां घन्टो फसी रहती हैं और यात्री परेशान हलाकान होते रहते है। ग्रेड सेपरेटर बनने के बाद एनकेजे हम्प गेट व यार्ड में होने वाली ट्रेनों की लेटलतीफी से राहत मिलने की आस है। वर्तमान में इस एरिया से ट्रेनों का आवागमन मुश्किल हो जाता है। अधिकांश ट्रेनें यहां 10 से 30 मिनट तक फंसी रहती है और रूट क्लीयर होने के बाद निकलती है। इसी तरह उपनगरीय क्षेत्र एनकेजे में ग्रेड सेपरेटर निर्माण के चलते रहवासी परेशान है। धूल-डस्ट और भारी वाहनों की आवाजाही से आमजन हलाकान है। मुड़वारा स्टेशन में अमृत भारत योजना के तहत हो रहा सौंदर्यीकरण भी अधूरा पड़ा हुआ है।


