जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

गुमानामी में गुजर गया जबलपुर का एक संपादक

 

जबलपुर के एक वरिष्ठ पत्रकार व संपादक ओमप्रकाश सिंह चौहान दो दिन पूर्व गुमनामी में गुजर गए। उनके निधन की खबर किसी को नहीं हुई। इसका किसी को दोष दिया भी नहीं दिया जा सकता है। ओमप्रकाश सिंह चौहान जबलपुर से प्रकाश‍ित होने वाले ‘युगधर्म’ के लंबे समय तक स्थानीय संपादक रहे। उन्होंने कुछ दिनों तक रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के संचार अध्ययन एवं शोध विभाग (पत्रकारिता) में अध्यापन भी किया। राष्ट्रीय स्वयं संघ की विचारधारा से प्रभावित ओमप्रकाश सिंह चौहान ने पत्रकारिता की शुरूआत दिल्ली में ‘आर्गेनाइजर’ से की थी। इसका हिन्दी संस्करण ‘पांचजन्य’ हिन्दी पट्टी में ज्यादा लोकप्रिय है। कुछ दिनों बाद वे जबलपुर आ गए और जीवनपर्यंत ‘युगधर्म’ से जुड़े रहे। उन्होंने धीरे धीरे तरक्की पाई और वे अखबार के संपादक बने। ओमप्रकाश सिंह चौहान अखबार के प्रथम पृष्ठ व संपादकीय पृष्ठ के विशेषज्ञ थे। ‘युगधर्म’ में कार्यरत रहने के दौरान हिन्दी पत्रकारिता के अग्रणी पत्रकार और हिन्दी इंड‍िया टुडे के संपादक रहे जगदीश उपासने उनके सहयोगी रहे थे। ओमप्रकाश सिंह चौहान अस्सी व नब्बे दशक में श्रमजीवी पत्रकार संघ में सक्र‍िय रहे और उन्होंने पत्रकारों के हितों खासतौर से मैनेजमेंट से वेतनमान को लागू करने का संघर्ष किया।

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